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हिन्दी व हरियाणवी भाषा श्रेष्ठ कृति पुरस्कारों की घोषणा

हिन्दी कहानी पुरस्कारों एवं पाण्डुलिपि अनुदान भी मिलेगा

LP Live, New Delhi:
हरियाणा साहित्य ने हिन्दी व हरियाणवी भाषा के वर्ष 2021 के श्रेष्ठ कृति पुरस्कार, हिन्दी कहानी पुरस्कार एवं पाण्डुलिपि अनुदानों का ऐलान कर दिया है। इसमें अनुदान के लिए हिन्दी व हरियाणवी की कुल 50 पाण्डुलिपियों का चयन किया गया है।
अकादमी अध्यक्ष मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं महानिदेशक, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग डॉ. अमित अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी द्वारा हिन्दी व हरियाणवी भाषा के वर्ष 2021 के श्रेष्ठ कृति पुरस्कार, हिन्दी कहानी पुरस्कार एवं पाण्डुलिपि अनुदानों के घोषित परिणाम के अनुसार हिंदी भाषा के कविता वर्ग में अंजलि सिफर, अम्बाला की कृति क़ाग़ज से गुफ्तगू तथा विकास यशकीर्ति, भिवानी की काव्यकृति जिन्दगी-एक तंग काफिया; कहानी वर्ग में ब्रह्मदत्त शर्मा, यमुनानगर की कृति पीठासीन अधिकारी तथा रोहतक के बी.आर.अरोड़ा के कहानी संग्रह छब्बीस छक्के; उपन्यास वर्ग में रोहतक से अर्चना कोचर के उपन्यास किन्नर कथा:एक अंतहीन सफर, निबंध वर्ग में निवास वत्स, दिल्ली की कृति मेरी 121 हास्य व्यंग्य रचनाएं, आत्मकथा वर्ग में डॉ. हेमलता शर्मा, सिरसा की कृति मेरी जीवन धारा:एक आत्मकथ्य; डायरी वर्ग में हिसार से प्रदीप सिंह की कृति बुहारे हुए पल, बाल साहित्य वर्ग में राधेश्याम भारतीय, करनाल की कृति समरीन का स्कूल तथा अनुवाद वर्ग में अम्बाला के पुष्पराज चसवाल की कृति महात्मा, मार्टिन और मंडेला का अपने-अपने वर्ग में श्रेष्ठ कृति पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।
रागनी के लिए पुरस्कार
इसी प्रकार हरियाणवी भाषा में रागनी वर्ग में जयभारद्वाज, करनाल की कृति सुबक रह्या क्यूं आज समंदर, कथा साहित्य वर्ग में विजेन्द्र सिंह, भिवानी की कृति बेटी बचाऊंगी, बेटी पढ़ाऊंगी तथा लोक साहित्य वर्ग में सोनीपत से डॉ. रेणु शर्मा की कृति लोककवि पं. नन्दलाल का अपने-अपने वर्ग में श्रेष्ठ कृति पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। प्रत्येक पुरस्कार के लिए 31 हजार रुपये की पुरस्कार राशि एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाते हैं। वर्ष 2021 की युवा हिंदी कहानी प्रतियोगिता में अमीश कुमार, महेन्द्रगढ़ की कहानी माँ और मौसी को प्रथम पांच हजार रुपये प्रदान किया जाएगा।
पचास पाण्डुलिपियों को अनुदान
अग्रवाल ने यह भी बताया कि वर्ष 2021 के अन्तर्गत प्रकाशन अनुदान के लिए प्राप्त पाण्डुलिपियों में से हिन्दी व हरियाणवी की कुल 50 पाण्डुलिपियों का अनुदान के लिए चयन किया गया है। इस योजना में पुस्तक के प्रकाशन उपरान्त लेखक को अधिकतम 25 हजार रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। जिन लेखकों की पाण्डुलिपियों का चयन किया है उनमें दिनेश शर्मा कैथल, सूरज पाल सिंह कुरुक्षेत्र, आशीष कपूर यमुनानगर, डॉ. सुदामा प्रसाद आर्य फतेहाबाद, आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट भिवानी, चरणजीत चंदवाल यमुनानगर, जयभगवान यादव हिसार, डॉ. राजकुमार रोहतक, गौतम इलाहाबादी रेवाड़ी, श्रीमती कुसुम यादव गुरुग्राम, सुश्री पूनम सैनी हिसार, श्रीमती सुनीता भिवानी, श्रीमती नीलम त्रिखा पंचकूला, सतपाल स्नेही बहादुरगढ़, रविकांत डांगी रोहतक, दिलबाग अकेला कैथल, सुरेन्द्र पाल चण्डीगढ़, श्रीमती सुरेखा यादव पंचकूला, श्रीमती अंजलि राज जीन्द, श्याम सुन्दर शर्मा गौड़ कैथल, सुश्री गरिमा नन्दवाल करनाल, डॉ. सुन्दर सिंह शीलवंत ‘शील भिवानी, प्रवीण पारीक ‘अंशु’ ऐलनाबाद, श्रीमती मधु गोयल कैथल, श्रीमती कमला देवी रेवाड़ी, अरविन्द भारद्वाज रेवाड़ी, पवन गहलोत रोहतक, डॉ. चन्द्रदत्त शर्मा रोहतक, मनोज कौशिक रेवाड़ी, अश्वनी रोहतक, नफेसिंह योगी महेन्द्रगढ़, पंकज शर्मा अम्बाला शहर, अशोक अग्रवाल जगाधरी विजय कुमार ‘निश्चल गुरुग्राम, दलबीर सिंह रेवाड़ी, श्रीमती मोनिका गुप्ता़ सिरसा, बनीसिंह जांगड़ा हिसार, डॉ. हेमलता शर्मा, चरखी दादरी, डॉ. अशोक कुमार, चरखीदादरी, मा. ज्ञानचंद, कैथल, हरीन्द्र यादव, गुरुग्राम, अशोक कुमार, हिसार, रामअवतार, रेवाड़ी, कर्मचन्द कैथल, सूबे सिंह मौर्य जीरकपुर, श्रीमती गीता सोनीपत, महेश कौशिक भिवानी, श्रीमती आशा यादव महेन्द्रगढ़, राजेराम भिवानी, डॉ. महेन्द्र सिंह शर्मा चरखीदादरी शामिल हैं।

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