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हरियाणा में शुरु हुई बाजरे की सरकारी खरीद

मंडी और एमएसपी के अंतर का भुगतान करेगी सरकार

‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर पंजीकरण अनिवार्य
LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार की किसानों के हित में चल रही योजनाओं के तहत हैफेड ने बाजरे की सरकारी खरीद शुरु कर दी है। बाजार भाव पर खरीद उन्हीं किसानों से की जाएगी, जिन्होंने ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर पंजीकरण कराया है। वहीं सरकार मंडी और एमएसपी के अंतर का भी भावांतर योजना के तहत किसानों को भुगतान करेगी।

हैफेड के प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर हैफेड ने शनिवार से किसानों की फसल बाजरे की सरकारी खरीद शुरु कर दी है। शनिवार को हैफेड रेवाड़ी, कनीना, भिवानी, कोसली और चरखी दादरी मंडियों में बाजरे की व्यवसायिक खरीद कर रही है। इसके लिए यह भी बताया गया है कि एफएक्यू गुणवत्ता वाले बाजरे की खरीद प्रचलित बाजार दर पर राज्य के उन किसानों से की जाएगी, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत और सत्यापित हैं। वहीं सरकार प्रचलित मंडी दर और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अंतर का भुगतान भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को करेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसान हित में निर्णय लेती रही है। फसल खरीद की राशि का भुगतान भी 72 घंटे के अंदर-अंदर सीधा किसानों के बैंक खातों में देना सुनिश्चित किया है। खरीफ सीजन-2023 के लिए भी किसानों की मांग थी कि फसलों की जल्द खरीद आरंभ की जाए और किसानों की मांग को पूरा करते हुए सरकार ने जल्द खरीद शुरू कर दी है।

खरीद के लिए 35 मंडियां बनाई
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य में बाजरे की खरीद के लिए 35 मंडियां बनाई गई हैं, जहां 2200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बाजरे की खरीद की जाएगी। शेष 300 रुपए की राशि का किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत भावान्तर के रूप में भुगतान किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि 20 सितंबर तक मंडियों में 22653 क्विंटल बाजरे की आवक हुई है।

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