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हरियाणा में बढ़ाई संस्कृत साहित्यकारों की सम्मान राशि

हरियाणा सरकार ने संस्कृत प्रेमियों को दिया तोहफा

LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार ने सूबे के संस्कृत प्रेमियों के लिए नए साल में दूसरा बड़ा तोहफा दिया है। संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि जारी करने के बाद अब संस्कृत विद्वानों और साहित्यकारों के लिए बढ़ाई गई सम्मान राशि पर भी वित्त विभाग की मुहर लग गई है।

हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ.दिनेश शास्त्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार में पिछले लंबे समय से लंबित संस्कृत साहित्यकारों सम्मान राशि को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। सरकार ने इस सम्मान राशि के नियमों में बदलाव करते हुए सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिए अब आयु सीमा का बंधन भी हटा दिया गया है। वहीं छात्रवृत्ति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक शास्त्री ने बताया कि अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन हेतु विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं। मुख्यमन्त्री ने राज्य स्तरीय साहित्य पर्व के समय सम्मान राशि में वृद्धि करने की घोषणा की थी। इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था, जिसे अनुमोदित कर दिया गया था। इसी कड़ी में प्रदेश के वित्त विभाग ने भी पुरस्कार की राशि वृद्धि पर स्वीकृति की मुहर लगा दी है। इससे इस बार से आवेदन करने वाले साहित्यकारों को इसका लाभ मिलेगा। इसके तहत सम्मान राशि में दो गुना से लेकर साढ़े 3 गुना की बढ़ोतरी की गई।

पांच लाख का गौरव सम्मान
डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’ में पहले 2 लाख रुपये की राशि मिलती थी, इसे अब साढ़े तीन गुना सात लाख कर दिया गया है। इसी तरह ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’ की पुरस्कार राशि दो लाख से सीधे ढाई गुना 5 लाख हो गई है। वहीं महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख से ढाई गुना बढ़ाकर तीन लाख हो गई है। महर्षि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख, आचार्य स्थाणु दत्त सम्मान में डेढ़ लाख की जगह दो लाख रुपये मिलेंगे। इसी प्रकार महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख से बढ़कर ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी, जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।

आचार्य सम्मान में दो गुना राशि
आचार्य सम्मान में भी पुरस्कार राशि 4 लाख से 8 लाख कर दी गई है। इसके तहत अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तण्ड पं.सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं.युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान में अब एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान को भी एक लाख से दो लाख रुपए कर दिया गया है। संस्कृत की नवलेखन प्रतिभाओं के लिए पुस्तक पुरस्कार राशि को भी 31 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है।इससे साहित्य लेखन में प्रतिभाएं और उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी। पांडुलिपि प्रकाशनार्थ सहायता अनुदान में मानदेय राशि 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार कर दी गई है। लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में प्रथम को अब 10 हजार, द्वितीय को 8 हजार तथा तृतीय को 5 हजार का पुरस्कार मिलेगा।

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