प्रदेश में शुरु किया था ‘बहु दिलाओ वोट लो’ अभियान
LP Live, Chandigarh: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2750 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा कर दी है। हरियाणा सरकार द्वारा अविवाहितों की पेंशन लागू किए जाने से अविवाहितों की नौ साल पुरानी लंबित मांग पूरी हो गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2750 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा करते हुए कहा कि पेंशन का लाभ उन लोगों को दिया जाएगा, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है। मनोहर लाल ने कहा कि इस योजना के तहत दूसरी श्रेणी में 40-60 वर्ष की आयु के विधुर को भी शामिल किया गया है, जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होगी, ऐसे सभी लोगों को भी 2750 रुपये की पेंशन का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पेंशन योजना से लगभग 71,000 लोगों को लाभ मिलेगा और इससे सालाना 240 करोड़ रुपये का अतिरक्ति बोझ सरकार पर पड़ेगा। दरअसल हरियाणा में करीब नौ साल से अविवाहित पुरूष संगठन द्वारा पेंशन लागू करने तथा मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा की मांग की जा रही थी। वर्ष 2014 में इस संगठन का गठन करके हिसार जिले के बांस गांव से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करने वाले सुनील जागलान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस निर्णय को लागू करने पर आभार जताया है।
अब मजाक के बजाए मिलेगा सम्मान
प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करने वाले सुनील जागलान का कहन है कि अब पेंशन लागू होने के बाद समाज में मजाक की बजाए अविवाहितों को सम्मान मिल सकेगा। लैंगिक समानता कार्यकर्ता सुनील जागलान ने बताया कि वर्ष 2014 में अविवाहित पुरूष संगठन का गठन करके ‘बहु दिलाओ वोट लो’ (हमारे वोट के बदले हमें दुल्हन दिलाओ) अभियान शुरू किया था। संगठन के लांच के दौरान हमने पाया कि हरियाणा के करीब सात हजार गांवों में से किसी में भी 50 से कम कुंवारे लोग नहीं थे, जिनकी उम्र 40 या उससे अधिक थी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति है कि हरियाणा में कई लोग पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से दुल्हन लाने के लिए पैसे देते हैं।
जींद व हिसार से शुरु हुआ था अभियान
जागलान ने बताया कि इस अभियान की शुरूआत जींद जिले के गांव बीबीपुर और हिसार जिले के गांव बांस से की गई थी। पूरे हरियाणा में अविवाहित पुरूष इस संगठन के साथ जुड़े हुए हैं। इस अभियान का मक़सद उस समय राजनेताओें को लिंगानुपात के संजीदा मुद्दे की तरफ़ ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरू किया गया था तथा अविवाहित लोगों की सामाजिक सुरक्षा हेतु पेंशन की मांग को सुनील जागलान इस मुद्दे को पुरज़ोर उठाया था और यह अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियों में पहुँच गया था।