सर्वोच्च न्यायालय में पीएम मोदी ने किया ई-कोर्ट परियोजनाओं का शुभारंभ
देशभर में मनाया जा रहा है भारतीय संविधान दिवस


भारतीय संविधान देश की सबसे बड़ी ताकत: मोदी
LP Live, New Delhi: देशभर में शनिवार को संविधान दिवस को समारोह के रुप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सर्वोच्च न्यायालय में आयोजित संविधान दिवस समारोह में ई-कोर्ट परियोजना के तहत कई नई पहलों का शुभारंभ किया। यह परियोजना अदालतों की आईसीटी सक्षमता के माध्यम से वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवाएं प्रदान करने का एक प्रयास है।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पहलों में सुप्रीम कोर्ट के वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट्स शामिल हैं। वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 2015 से इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्चुअल जस्टिस क्लॉक: यह न्यायालय स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें दिन, सप्ताह, महीने के आधार पर न्यायालय स्तर पर दायर मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों का विवरण देखा जा सकेगा। यह पहल को न्यायालय द्वारा निपटाये गये मुकदमों की स्थिति को जनता के साथ साझा कर न्यायालयों के कामकाज को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने का एक प्रयास है। आमजन जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकते हैं।
जस्टिस मोबाइल एप 2.0: यह न्यायिक अधिकारियों के लिए अदालत और मुकदमों के कारगर प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक उपकरण है, जो न सिर्फ उनकी अपनी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले विभिन्न न्यायाधीशों के समक्ष लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी करने का काम करेगा। यह ऐप उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है जो अब अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राज्यों और जिलों के लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी कर सकते हैं।
डिजिटल कोर्ट: यह अदालतों को कागज रहित बनाने की दिशा में बदलाव लाने के उद्देश्य से न्यायाधीश को अदालत के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने से संबंधित एक पहल है।
एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट्स: इसे जिला स्तर की न्यायपालिका से संबंधित निर्दिष्ट जानकारी और सेवाओं को प्रकाशित करने हेतु विभिन्न वेबसाइटों को बनाने, कॉन्फ़िगर करने, तैनात करने और प्रबंधित करने का एक ढांचा है। एस3डब्ल्यूएएएस एक क्लाउड सेवा है जिसे सरकारी संस्थाओं के लिए सुरक्षित, मापनीय और सुगम्य वेबसाइट बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह बहुभाषी, नागरिकों व दिव्यांगों के अनुकूल है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बन रही छवि के पीछे संविधान की ताकत
सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दिन भी भारत संविधान संविधान का पर्व मना रहा था, लेकिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की मजूबत होती अंतर्राष्ट्रीय छवि के बीच दुनिया हमें उम्मीद की नजरों से देख रही है। देश पूरे सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा है, इसके पीछे भी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है। प्रधामंत्री ने कहा कि उन्हें संतोष है कि आज देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में अपने आदर्शों और संविधान की भावना को मजबूत कर रहा है। देश में समय से न्याय के लिए हमारी न्यायिक प्रणाली कई कदम उठा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि एक सप्ताह के बाद भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना हमारी सभी टीम इंडिया के रूप में विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को बढाएंगा। यह हम सभी का सामूहिक दायित्व है कि भारत की मदर ऑफ डेमोक्रेसी को समझे और देश को सशक्त करने के लिए आगे आएं। इस मौके पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी,
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सरकार ने लांच किया पोर्टल
भारत के संविधान को अंगीकृत करने और संविधान निर्माताओं के योगदान के सम्मान में आयोजित संविधान दिवस के मौके पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों समेत पूरे देश में मनाए जा रहे संविधान दिवस समारोहों के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में एक सक्रिय भागीदार के रूप में संसदीय कार्य मंत्रालय ने विशेष तौर पर संविधान दिवस 2022 के लिए दो डिजिटल पोर्टलों को नया रूप देते हुए अद्यतित किया है। पहले अंग्रेजी और संविधान की 8वीं अनुसूची के तहत 22 अन्य भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन (https://readpreamble.nic.in/) लांच किया गया, तो दूसरा ‘भारत के संविधान पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी’ (https://constitutionquiz.nic.in/) के इन अद्यतित पोर्टलों का आभासी माध्यम से शुभारंभ किया।
