देश

सड़क हादसों में 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य

गडकरी ने किया चार ई की पहलों पर अमल करने पर जोर

देश में हर साल सड़कों पर होती हैं लाखों मौतें,
LP Live, New Delhi: देश में होने वाले सड़क हादसों में हर दिन किसी न किसी इंसान की असामयिक जान चली जाती है। सरकार लगातार सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए कई पहल की है और उनके लिए आम नागरिकों को जागरुक किया जा रहा है। सरकार ने 2025 तक देश में सड़क हादसों को 50 फीसदी कम करने के लक्ष्य के लिए सड़क सुरक्षा के सभी 4ई यानी इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट (कार्यान्वयन), एजुकेशन (शिक्षा) और इमरजेंसी केयर (आपातकालीन देखभाल) की कई पहलों पर जोर दिया गया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में 11 से 17 जनवरी तक मनाए गये सड़क सुरक्षा सप्ताह के बाद कहा कि 2025 के समाप्त होने से पहले सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए सभी के प्रयास आवश्यक हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान 4 घंटे के टेलीथॉन और आउटरीच अभियान “सड़क सुरक्षा अभियान” में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि ट्रक चालकों के काम के घंटे निर्धारित करने के लिए जल्द ही देश में एक कानून लाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान अभिनेता अमिताभ बच्चन, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु और कई अन्य हितधारकों ने सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने सड़क हादसों को रोकने के लिए की जा रही पहलों यानी इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी केयर पर जोर दिया है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह में जागरुकता
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क दुर्घटनाओं में लोगों के मारे जाने और घायल होने के मामलों में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसने सड़क सुरक्षा के सभी 4ई यानी इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट (कार्यान्वयन), एजुकेशन (शिक्षा) और इमरजेंसी केयर (आपातकालीन देखभाल) को लेकर अनेक पहल की हैं। इस वर्ष सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 11 से 17 जनवरी 2023 तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के तहत सभी के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रचार करने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया। सप्ताह के दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक (स्ट्रीट शो), जागरूकता अभियान, स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए प्रतियोगिता, कंपनियों के सहयोग से सड़क सुरक्षा प्रदर्शनी, वॉकथॉन, टॉक शो और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और उद्योगजगत की हस्तियों के साथ पैनल चर्चा सहित कई गतिविधियों का आयोजन किया।

एनएचएआई का अभियान
सरकार के अधीनस्थ एनएचएआई और एनएचआईडीसीएल आदि जैसी सड़क की जिम्मेदार एजेंसियों ने यातायात नियमों और विनियमों के अनुपालन, पैदल यात्रियों की सुरक्षा, टोल प्लाजा पर चालकों के लिए आंखों की जांच शिविर और सड़क इंजीनियरिंग से संबंधित अन्य पहलों से संबंधित विशेष अभियान चलाए। देश भर के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन और पुलिस विभाग, गैर-सरकारी संगठनों, निजी कंपनियों और आम जनता ने भी जागरूकता अभियान चलाकर, पहले प्रतिक्रिया देने वालों को प्रशिक्षण देकर, जमीनी स्तर तक नियमों और विनियमों के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करके, सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यशालाएं और हिमायत कार्यक्रम संचालित करके इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। सड़क सुरक्षा सप्ताह का टेलीविजन, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक कवरेज हुई और यह अभियान लाखों लोगों तक पहुंचा।

इंजीनियरों को प्रशिक्षण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने अपने इंजीनियरों को अनिवार्य रूप से 15 दिनों का सड़क सुरक्षा लेखा परीक्षण का प्रशिक्षण दिया है। प्राधिकरण के प्रबंधक और उप महाप्रबंधक के पद पर इंजीनियरों की पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण को पूरा करने को एक प्रमुख मानदंड बनाया गया है। वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लगभग 240 इंजीनियरों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी दिल्ली, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और भारतीय राजमार्ग अभियंता एकेडमी में प्रशिक्षित किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण राजमार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी प्राथमिकता दे रहा है। सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं के प्रबंधन और राजमार्गों पर गति सीमा और अन्य नियमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) लागू किया जा रहा है।

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