राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से संकट में हिमाचल की सुक्खू सरकार
पीडब्ल्यूडी मंत्री के इस्तीफे से बढ़ी विधानसभा निष्कासन की आशंका


भाजपा विधायकों की राज्यपाल से मुलाकात, स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायक किये निष्कासित
LP Live, Shimla: राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में कांग्रेस विधायकों द्वारा भाजपा के पक्ष में वोट देने के बाद हिमाचल प्रदेश की सुखविन्द्र सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल मंडरा गये हैं। राज्यसभा चुनाव में 68 सदस्य विधानसभा में भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को 34-34 वोट मिले, जिसके बाद पर्ची से हुए निर्णय में भाजपा का प्रत्याशी विजयी घोषित कर दिया गया। बुधवार को बजट सत्र के दौरान पीडब्ल्यू मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देकर सुक्खू सरकार को अल्पमत में पहुंचा दिया है।
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में सत्तारुढ़ कांग्रेस की सुक्खू सरकार अपने प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को भी नहीं जीता सकी, जिसकी वजह कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों द्वारा भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करना है। इस वजह से भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को 34-34 वोट मिले, जिसमें पर्ची से फैसला भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गया। भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के बाद विधानसभा से निष्कासन की आशंका जताते हुए बुधवार को हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और आशंका व्यक्त की कि एक दिन पहले राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सत्तारूढ़ काँग्रेस के छह विधायकों को जारी बजट सत्र में विधानसभा से निष्कासित किया जा सकता है। क्योंकि छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने 68 सदस्यीय सदन में बहुमत खो दिया है और अब उसे सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उधर गुरुवार का समाप्त होने वाले बजट सत्र से पहले बुधवार को पीडब्ल्यू मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफे के बाद सुक्खू सरकार का संकट और गहरा गया है।

राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग
राज्यपाल से मुलाकात करके जयराम ठाकुर ने भी आशंका जताई है कि सत्र के दौरान भाजपा विधायकों और उन कांग्रेस विधायकों को निष्कासित कर सकते हैं, जिन्होंने राज्यसभा के चुनाव भाजपा के पक्ष में वोटिंग की है। इसलिए भाजपा ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि बजट पर मतदान का विकल्प बरकरार रहे। उन्होंने राज्यपाल से संसदीय प्रक्रियाओं का विनियमन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वालों में सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर), रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति), चैतन्य शर्मा (गगरेट), और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) ने भी क्रॉस वोटिंग की थी। वहीं तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोट किया।
कांग्रेस ने पर्यवेक्षक शिमला भेजे
कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग से पैदा संकट को सुलझाने के लिए मंगलवार देर रात अपने वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा और डी.के. शिवकुमार को शिमला भेजा। संभावना है कि कम से कम चार-पांच और कांग्रेस विधायक बजट पारित होने पर मतदान के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मतदान करेंगे, क्योंकि वे उनकी टकराववादी शैली और विधायकों को विश्वास में लेने में असमर्थता से नाराज हैं।
भाजपा की आशंका सही निकली
हिमाचल प्रदेश में इस सियासी घमासान के बीच सत्र के दौरान विधानसभा स्पीकर ने बुधवार को भाजपा के 15 विधायकों को विधानसभा से बर्खास्त कर दिया है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का भी नाम शामिल है। उसी समय वहां सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। विक्रमादित्य पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के सुपुत्र हैं, जिन्होंने सीएम सुक्खू पर आरोप भी लगाए। जाहिर सी बात है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार फिलहाल अल्पमत में आ गई है? विपक्ष के निलंबित किय गये विपक्ष के 15 भाजपा विधायकों में जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर शामिल हैं। सिंह गांधी को आज विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में कथित तौर पर नारेबाजी और दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष ने निष्कासित कर दिया है।
