योगी का तहसीलों की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार पर जोर
संपत्ति स्वामित्व, विरासत जैसे प्रकरण का समय से निस्तारण के निर्देश


प्रदेश में जल्द शुरू होगी मातृभूमि योजना की औपचारिक शुरुआत
आम आदमी की समस्याओं के निपटान में समयबद्धता और पारदर्शिता पर बल
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनहित में संचालित विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विशेष रुप से मुख्यमंत्री ने आमजन की अपेक्षाओं के मद्देनजर तहसीलों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, जिनमें संपत्ति से संबन्धित विरासत, स्वामित्व या उत्तराधिकार से जुड़े प्रकरण लंबित न रखने पर बल दिया।
यहां समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तहसीलों की कार्यप्रणाली में बड़े सुधार की आवश्यकता के लिए पारदर्शिता, समयबद्धता को लेकर ठोस प्रयास करने पर बल देते हुए डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने की प्रक्रिया तेज करने पर बल दिया। उन्होने आमजन की शिकायतों व समस्याओं के निस्तारण में समय सीमा तय करने और आमजन की सुविधाओं को सरल बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। अब तक 56.17 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी वितरित की जा चुकी है। मात्र 15 राजस्व गांवों में सर्वेक्षण का कार्य शेष है, इसे भी यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र ‘घरौनी’ मिल जाए। बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्या, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं राज्य मंत्री राजस्व अनूप प्रधान की उपस्थिति रही।
मातृभूमि योजना की तैयारी
प्रदेश के गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए “मातृभूमि योजना” प्रारंभ की जा रही है। इसकी औपचारिक शुरुआत शीघ्र ही की जाएगी। बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेंटर, आदि बनवाने की इच्छा जताई है। इस योजना से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। नगरीय क्षेत्र के लिए भी ऐसी योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए।

ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए अभियान
ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वास्थ्य सेवाओं की सहज-सुलभ उपलब्धता के लिए टेलीकन्सल्टेशन और हेल्थ एटीएम की सुविधाओं को बढ़ाया देने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे बीमारी की दशा में रिमोट एरिया के लोगों को अच्छे डॉक्टरों का परामर्श मिल सकेगा। हेल्थ एटीएम के लिए प्रशिक्षित मैनपॉवर तैनात किया जाए। टेलीकन्सल्टेशन सेवा को विस्तार देते हुए इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। अप्रैल माह में संचालित संचारी रोग अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे लोगों में संक्रामक, संचारी रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसलिए ऐसे अभियान जारी रहने चाहिए। इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए जैसा प्रयास इन क्षेत्रों में भी किया जाए। साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल के सेवन के लिए लोगों को जागरूक करें। बाल रोग विशेषज्ञों का भी सहयोग लें।
अवैध टैक्सी या बस स्टैंड पर सख्ती
प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित नहीं होना चाहिए। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। यह वसूली समाजविरोधी कार्यों में उपयोग होती है। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार स्थान निर्धारित करें। शहरों में ई-रिक्शा के लिए रूट तय किया जाना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर बिना बिलंब यथोचित समाधान किया जाए। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए निस्तारित किया जाए। हर जिले में पीपीपी मॉडल पर कम से कम एक आधुनिक मॉडल बस स्टेशन विकसित किया किया जाना है। परिवहन विभाग द्वारा जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्य को शीघ्र प्राथमिकता देते हुए कार्यवाही तेज करने पर जोर दिया।
