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यूपी विधानसभा सत्र: विकसित भारत का इंजन बनेगा उत्तर प्रदेशः योगी आदित्यनाथ

आध्यात्मिक-सांस्कृतिक नेतृत्व का केंद्र का केंद्र है उत्तर प्रदेश
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में ‘विजन 2047’ पर 24 घंटे से अधिक चली ऐतिहासिक चर्चा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विकसित तब बनेगा, जब हर राज्य अपनी भूमिका निभाएगा और इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहेगा। मुख्यमंत्री ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के 187 विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी ने गंभीरता और रुचिपूर्ण ढंग से बहस को सार्थक बनाया, जिसमें यह चर्चा लोकतंत्र की शक्ति और सदस्यों की गंभीरता का प्रमाण है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य ही नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का ध्वजवाहक भी है। उत्तर प्रदेश सिर्फ बड़ी आबादी वाला राज्य नहीं, यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा का केंद्र बिंदु है। हम सबका सौभाग्य है कि देश अपनी आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर रहा है और स्वतंत्रता के 78 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है।

चर्चा को दो भागों में बांटा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में कहा कि क्या भारत विकसित होगा तो उसमें उत्तर प्रदेश का भी योगदान होगा। क्या उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अधिक नहीं होनी चाहिए? क्या वह खुशहाली का हिस्सा नहीं होना चाहिए? इन सवालों पर हमने दो भागों में चर्चा को बांटा है, जिसमें पहला 1947 से 2017 तक हमने क्या हासिल किया, और दूसरा साल 2017 के बाद से आने वाले 30 वर्षों का रोडमैप। 1947 से 2047 तक की यह 100 वर्षों की यात्रा में हमने क्या खोया और क्या पाया, इसका आत्मावलोकन करने का यह सबसे उचित समय है। प्रधानमंत्री जी ने जो विजन डॉक्यूमेंट देश के सामने प्रस्तुत किया, उसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने प्रारंभिक चर्चा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल की तुलना अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से की और विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया। उन्होंने कहा, “हर विधानसभा क्षेत्र में विकास होना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए। समावेशी विकास ही ‘विकसित यूपी’ और ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार कर सकता है।” उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चर्चा में विकास कम और सत्ता की चाहत ज्यादा दिखती है।

विपक्ष को बताया ‘कूप मंडूप’
मुख्यमंत्री ने चार्वाक का उदाहरण देते हुए विपक्ष को उनकी परिवारवादी सोच के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के ‘कूप मंडूप’ दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के अतीत की कड़वी सच्चाई को सामने रखते हुए कहा कि 1960 के बाद से राज्य लगातार गिरावट की ओर बढ़ा। उन्होंने कहा कि विशाल सामर्थ्य, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रमशक्ति होने के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया। उन्होंने उस दौर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी। अपराध और अराजकता का बोलबाला था। पलायन, गरीबी, इन्सेफलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें, भ्रष्टाचार, भेदभाव और भाई-भतीजावाद ने यूपी को जकड़ रखा था।

2017 के बाद यूपी का हुआ कायाकल्प
मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार के तहत हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ। अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज यूपी की पहचान सुशासन से है। बेहतर कानून व्यवस्था, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की सकारात्मक सोच ने यूपी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

आर्थिक प्रगति के के साथ यूपी की नई तस्वीर
उन्होंने कहा कि नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है। डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपये से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 1947 में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन 1980 तक यह 11वें स्थान पर खिसक गया। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की और 2017 में सातवें, 2024 में पांचवें और 2025 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।

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