यूपी में औद्योगिक निवेश करेंगी जापान की कंपनियां
जापान के राजदूत के नेतृत्व में सीएम योगी से मिला जापानी प्रतिनिधिमंडल


बैठक में नए निवेश को लेकर सीएम योगी के साथ हुआ विचार विमर्श
LP Live, Lucknow:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। जापानी कंपनियों ने प्रदेश में नए आद्यौगिक निवेश करने की इच्छा जताई है। यूपी में जापानी निवेश प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री योगी की जापानी प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों के एक बैठक में विचार विमर्श किया गया।
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर जापान के भारत में राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में शुक्रवार को जापान के उद्यमियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने पहुंचकर मुलाकात की, जहां योगी और अन्य नेताओं ने इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इस मौके पर एक विशेष बैठक के दौरान निवेश को लेकर हुए विचार विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने भारत-जापान के प्राचीन सांस्कृतिक सम्बन्धों पर चर्चा करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत व जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं। योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शिंजो आबे के प्रगाढ़ सम्बन्धों का जिक्र करते हुए जापान के उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की विस्तृत सम्भावनाओं पर चर्चा की और कहा कि राज्य सरकार भी जापानी कम्पनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-023 में बड़ी संख्या में निवेश के प्रस्ताव मिलने के बाद प्रदेश में एक बार फिर जापान के निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला। जापानी प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व कर रहे जापानी राजदूत हिरोशी सुज़ुकी ने उत्तर प्रदेश में उद्योग-व्यापार के असीम अवसरों, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व एवं व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि जापान के निवेशक उत्तर प्रदेश की नीतियों से उत्साहित हैं। निवेशकों का यह उत्साह भारत और जापान के मजबूत सम्बन्धों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

प्रदेश में प्रोत्साहन नीति घोषित
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने फॉरेन डायरेट इन्वेस्टमेन्ट एवं फॉर्चून-500 कम्पनियों के लिए प्रोत्साहन नीति घोषित की है। उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश भारत की ’फूड बास्केट’ के रूप में विख्यात है। इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण व डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं। प्रदेश वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है। पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है, जो राज्य में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है। प्रदेश सरकार नई औद्योगिक नीति के अन्तर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी जैसे विभिन्न सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। इन नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य मंि छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एसजीएसटी का रिफण्ड आदि हमारे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं।
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
इस विशेष बैठक में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवन्त सिंह सैनी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, आर्थिक सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ केवी राजु, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह व सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल सागर, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश, इन्वेस्ट यूपी के एसीईओ प्रथमेश कुमार, निदेशक सूचना शिशिर सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जापानी प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
इस बैठक में जापानी प्रतिनिधिमण्डल में जापानी दूतावास के पॉलिटिकल काउंसलर केंतारो ओरिता, जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी के मुख्य प्रतिनिधि मित्सुनरी साइतो, जापान एक्सटर्नल ट्रेड संगठन के चीफ डायरेक्टर जनरल ताकाशी सुज़ुकी, जापान फाउंडेशन नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल तोशीटोको कुरिहारा, जेसीसीआईआई के सेक्रेट्री जनरल केंजी सुगिनो, मित्सुबिशी कारपोरेशन के चेयरमैन व एमडी यूजी तागुची, कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इण्डिया के चेयरमैन व एमडी निखिल चंद्रा, ओएमसी पॉवर के सीईओ व एमडी रोहित चंद्रा, कॉगनवी इंडिया के एमडी श्री मित्सुताका सेकिनो, होंडा कार इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रवीण परांजपे सहित जापानी दूतावास के अनेक अधिकारी मौजूद थे।
