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यूपी में अब तंग गलियों में नहीं होगी राशन की दुकान

आमजन की सुविधा के लिए योगी सरकार ने जारी किये आदेश

फूड ग्रेन स्टोरेज का निर्माण कर उचित दर दुकानों के रूप में उपयोग करने की तैयारी
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी राशन की दुकानों को तंग और संकरी गलियों से हटाकर सुगम स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिये गये हैं। सरकार ने यह निर्देश तंग व संकरी गलियों में सरकारी राशन की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचने में आ रही समस्या और आम जनता की सुविधा के लिए जारी किये गये हैं।

यूपी सरकार ने यह आदेश राशन की दुकानों को विकसित करने के लिए मंडलायुक्त बरेली व संभागीय खाद्य नियंत्रक, बरेली संभाग द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर जारी किये हैं, जिसमें राशन की दुकानों को आम आदमी की आसान पहुंच का सुझाव दिया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 24(2)(ए) में यह व्यवस्था दी गई है कि प्रदेश सरकार सब्सिडाइज्ड दरों पर खाद्यान्न केंद्र सरकार के नियत गोदामों से प्राप्त कर अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से उचित दर की दुकानों (राशन दुकानों) तक डोर स्टेप डिलीवरी कराएगी। लेकिन संकरी गलियों में राशन की दुकानें होने के कारण वहां तक खाद्यान्न पहुंचने में बड़ी समस्या आ रही है।

कहां होगी राशन की दुकानें
सरकार के आदेशानुसार खाद्यान्न के डोर स्टेप डिलीवरी के सिंगल स्टेज व्यवस्था के अंतर्गत खाद्यान्न के वाहनों का उचित दर दुकान तक सुगमतापूर्वक पहुंचना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन ज्यादातर उचित दर विक्रेताओं की दुकानें संकरी गलियों में अवस्थित हैं और खाद्यान्न के वाहन सुगमतापूर्वक नहीं पहुंच सकता, वहीं आम जन-मानस को खाद्यान्न लेने के लिए दुकान तक पहुंचने में कठिनाई होती है। ऐसी स्थिति में पूर्व में जारी आदेश में ये व्यवस्था दी गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभाएं तथा शहरी क्षेत्रों में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम अपने आर्थिक स्रोतों, मनरेगा आदि योजनाओं से राशन की दुकानों का निर्माण करेंगे। ये निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में यथासंभव पंचायत भवन एवं शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक भवनों के नजदीक स्थान की उपलब्धता के आधार पर किए जाने चाहिए।

क्या है नया मॉडयूल
मंडलायुक्त बरेली व संभागीय खाद्य नियंत्रक, बरेली संभाग द्वारा विकसित कराए गए मॉड्यूल को आधार बनाते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित दर दुकानों का निर्माण किया जा सकता है। दुकानों की प्रस्तावित डिजाइन, ले-आउट व स्थान के चयन के संबंध में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं के स्तर पर निर्णय लेकर आवश्यक कार्यवाही कराएंगे। इस मॉड्यूल के अनुसार निर्मित उचित दर दुकान का कुल क्षेत्रफल लगभग 484 वर्ग फीट होगा। उचित दर दुकान का निर्माण एक वृहद कक्ष में किया जाएगा, जिसमें दुकान तथा सीएससी के लिए अलग-अलग स्थान होगा। दुकान के समक्ष एक 24 फीट x 04 फीट का बरामदा भी होगा, जोकि उचित दर विक्रेताओं के लिए वेटिंग हाल के रूप में रहेगा। बरामदे में तीन स्थानों पर नोटिस बोर्ड तथा एक स्थान पर सूक्ष्म वृक्षारोपण के लिए जगह सम्मिलित है। नवीन उचित दर दुकानों का निर्माण सबसे पहले प्रदेश के समस्त ब्लाकों में किया जाएगा। इसके बाद भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक जनपद में 75 दुकानों का निर्माण कराया जाएगा।

फूड ग्रेन स्टोरेज का उपयोग
सरकार के आदेश केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन के लिए फूड ग्रेन स्टोरेज के निर्माण का कार्य मनरेगा के अंतर्गत अनुमन्य है। अतः राज्य सरकार मनरेगा के अंतर्गत फूड ग्रेन स्टोरेज का निर्माण कर उनका उपयोग उचित दर दुकानों के रूप में कर सकती है। ऐसे भवनों का निर्माण केवल सरकारी भूमि पर किया जाएगा। उचित दर दुकानों की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उचित दर दुकानों के माध्यम से विद्युत देयकों का भुगतान, सीएससी सेवाएं, पीएम वाणी के अंतर्गत ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ आम जन मानस की रोजमर्रा की आवश्यकता की वस्तुओं के बिक्री की भी अनुमति प्रदान की गई है।

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