

प्रदेश में उद्योग, ऊर्जा और पर्यावरण को मजबूत करने पर जोर
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दे रही है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक संरचना को हरित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यूपीसीडा ने 13 नए स्थलों की पहचान की है, जहां नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र न केवल उत्पादन में अग्रणी हों, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल भी बनें। इसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु यूपीसीडा ने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत ‘सौर औद्योगिक क्षेत्र’ की अवधारणा को अपनाया है। कानपुर स्थित यूपीसीडा मुख्यालय में पहले ही 150 किलोवाट का सौर संयंत्र स्थापित किया जा चुका है, जो 82.98 लाख की लागत से लगाया गया। यह संयंत्र वित्तीय रूप से लाभदायक होने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। यूपीसीडा ने ऊर्जा की लागत घटाना, पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के मकसद से 13 नए स्थलों की पहचान की है, जहां सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।

इन 13 स्थानों पर लगेंगे संयंत्र
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा कि यह पहल न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि संचालन लागत को भी कम करती है। देश में यूपीसीडा जिन स्थानों पर नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा, उनमें सूरजपुर साइट-5, ईपीआईपी (गौतम बुद्ध नगर), टीडीएस सिटी (गाजियाबाद), एसईजेड (मुरादाबाद), जगदीशपुर (अमेठी), बागपत, ईपीआईपी (आगरा), कोसी कोटवन (मथुरा), जीसी-1 झाँसी, कुर्सी रोड (बाराबंकी), नैनी (प्रयागराज) और शाहजहाँपुर जैसे रणनीतिक औद्योगिक केंद्र शामिल हैं।
सौर पथ और हरित पट्टियां बनाने पर बल
यूपीसीडा औद्योगिक क्षेत्रों को न केवल ऊर्जा के लिहाज से सशक्त बना रहा है, बल्कि सौर पथ और हरित पट्टियों की योजनाओं के माध्यम से सुरक्षा और सौंदर्य का भी समन्वय कर रहा है। इन पथों पर ऑफ-ग्रिड सौर लाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे रात में भी बेहतर प्रकाश व्यवस्था बनी रहेगी। हरित पट्टियां न केवल प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होंगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों की दृश्यता और निवेश के प्रति आकर्षण को भी बढ़ाएंगी।
