

सरकार ने गरीब परिवारों के सपनों में आशा की नई लौ जलाई है: संदीप सिंह
LP Live, Lukhnow: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बना दिया है। ‘शिक्षा सबका अधिकार’ के सिद्धांत पर चलते हुए सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत अब तक 1,26,293 वंचित बच्चों का निजी विद्यालयों में निःशुल्क दाखिला सुनिश्चित किया है। यह कुल 1,85,675 आवंटित सीटों का 68 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि गरीब का बच्चा भी डॉक्टर, इंजीनियर या अफसर बन सके। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के ज़रिए इस कदम को आगे बढ़ाया, जिसका परिणाम है कि प्रदेश में योगी शासनकाल के दौरान 1,26,293 वंचित बच्चों का निजी विद्यालयों में निःशुल्क दाखिला सुनिश्चित किया गया। बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश, संदीप सिंह का कहना है कि आरटीई की चार चरणों में चली इस पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत 3,34,953 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,52,269 यानी 75 प्रतिशत स्वीकृत हुए। इनमें से 1,85,675 बच्चों को विद्यालय आवंटित किए गए और अब तक 1.26 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन पूर्ण हो चुका है। यह सफलता समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

गरीबों के सपनों की उम्मीद
बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश, संदीप सिंह का कहना है कि यह केवल नामांकन का आंकड़ा नहीं है, बल्कि गरीब परिवारों के सपनों में उम्मीद की लौ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में हम शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक न्याय की नींव को और मजबूत कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा, चाहे उसका सामाजिक या आर्थिक आधार कुछ भी हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार प्राप्त करे।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 10 जिले
प्रदेश के कई जनपदों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। इन जिलों में स्थानीय प्रशासन की तत्परता, बेसिक शिक्षा विभाग की निगरानी और जनसहयोग के चलते यह प्रदर्शन संभव हो पाया है। इनमें बस्ती (94 प्रतिशत), ललितपुर व फिरोजाबाद (93 प्रतिशत), बलरामपुर, प्रतापगढ़ (92 प्रतिशत), श्रावस्ती, हरदोई (91 प्रतिशत), और एटा, देवरिया, जौनपुर (88 प्रतिशत) प्रमुख हैं।
