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भारत की दो टूक: पीओके खाली करे पाकिस्तान-जम्मू कश्मीर मुद्दे पर तीसरा देश दखल न दें!

भारत-पाक सीजफायर में अमेरिका की मध्यस्थता होने का कोई सवाल नहीं: भारत
LP Live, New Delhi: भारत और पाकिस्तान युद्ध विराम के बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर और पीओके यानी गुलाम कश्मीर को लेकर भारत की नीति स्पष्ट की। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से पीओके खाली करने को कहते हुए दो टूक कहा कि इसके बाद ही पाकिस्तान से कोई वार्ता होगी। वही साफ किया कि कश्मीर और पीओके के मुद्दे को दोनों देश मिलकर सुलझाएंगे और तीसरा पक्ष की कोई जरुरत नहीं है।

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भारत के विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हु ए कहा कि भारत का लंबे समय से राष्ट्रीय मत रहा है कि जम्मू कश्मीर और पीओके से जुड़े मुद्दे भारत और पाकिस्तान को खुद सुलझाना होगा। भारत की इस नीति में आज भी कोई बदलाव नहं है और पाकिस्तान द्वारा अवैध रुप से कब्जाए गये भारतीय क्षेत्र के गुलाम कश्मीर को खाली करना लंबित है, जिसे पाकिस्तान अब खाली करना होगा। जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर युद्ध विराम तक भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर ही बातचीत हुई और इस दौरान अमेरिका से हुई किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।

युद्ध विराम में ट्रंप की मध्यस्थता नहीं
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद किए सैन्य कार्रवाई करके पाकिस्तान को अच्छी तरह से सबक सिखाया गया है और पाकिस्तान की गुहार के बाद दोनों देशों के बीच भारत की शर्तो पर सीजफायर हुआ। इसमें अमेरिक राष्ट्रपति ट्रंप या अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं रही। सीजफायर के बावजूद भारत ने जल संधि समझौता स्थगित रखने का फैसला किया है। वहीं पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया आपरेशन सिंदूर अभी स्थगित रखने का फैसला किया गया है। यदि पाकिस्तान की तरफ से कोई भी हरकत हुई तो भारत उसका इससे भी ज्यादा आक्रमकता से मुहंतोड़ जवाब देगा और भारत किसी भी हाल में पाकिस्तान की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगा।

जल संधि समझौता स्थगित रहेगा
जायसवाल ने कहा कि सीसीएस (सुरक्षा पर कैबिनेट समिति) के फैसले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया। सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से शुरू हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है। हालांकि, पाकिस्तान ने कई दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है। अब सीसीएस के फैसले के अनुसार कि भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।

 

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