आवैसी ने बैठक में शामिल हुए नेताओं से पूछा ट्रैक रिकार्ड, भाजपा ने भी कसा तंज
LP Live, Patna: आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र से भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई। वहीं भाजपा के खिलाफ एकसाथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनाई गई।
बिहार के पटना में शुक्रवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सेदारी की। करीब चार घंटे चली बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता की गई, जिसमें विपक्षी दलों ने लोकसभा के चुनाव के लिए बनाई गई रणनीति की जानकारी दी। जदयू प्रमुख नीतीश कुमान ने बताया कि बैठक में विपक्ष दलों में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमति बन चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए हुए कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठी पार्टी देशहित में काम नहीं कर रही है, जिसकी वजह से एकजुट होना जरुरी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी नेता एक होकर एक कॉमन एजेंडा तैयार करके चुनाव लडेंगे। उन्होंने बताया कि 10-12 जुलाई को अगली बैठक शिमला में होगी, जिसमें यह एजेंडा तैयार होगा और सारी चीजें तय हो जाएंगी कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है। भाजपा और आरएसएस संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं। ये विचारधारा की लड़ाई है। हम उसके साथ खड़े हैं। उन्होंन कहा कि थोड़े-थोड़े मतभेद जरूर हैं लेकिन हम सब मिलकर काम करेंगे।
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा को आम जनता की चिंता नहीं है। जो बोलता है, उसके पीछे ईडी, सीबीआई लगा देते हैं। ममता ने कहा कि ऐसा कुछ लोग कहते हैं कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘तानाशाही’ सरकार फिर से चुनकर आ जाएगी, तो देश में अगला चुनाव नहीं होगा। इस से अरविंद केजरीवाल नदारद रहे। जबकि महाबैठक में राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, महबूबा मुफ्ती, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे, लालू यादव, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव, अजीत पवार, भगवंत मान, राघव चड्ढा, एमके स्टालिन, सीताराम येचुरी, हेमंत सोरेन, उमर अब्दुल्ला समेत करीब 15 दलों के नेता मौजूद थे।
इन बातों पर हुआ मंथन
पटना में विपक्षी दलों की बैठक में प्रमुख रुप से जिन बातों पर चर्चा हुई, उनमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने, हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी उतारने, भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का एक नाम तय करने, गठबंधन की सीटों के बंटवारे का एक सर्वमान्य फॉर्मूला तय करने, दिल्ली के लिए लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश पर भी कुछ दलो ने चर्चा की।
औवेसी ने महाबैठक पर बोला हमला
पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर हैदराबाद में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक में शामिल नेताओं का ट्रैक रिकॉर्ड पूछा और कहा कि कांग्रेस की वजह से ही भाजपा दो बार केंद्र की सत्ता में आई। ओवैसी ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि मोदी 2024 में दोबारा प्रधानमंत्री बने, लेकिन पटना बैठक मंथन करने वाले नेताओं को अपना ट्रैक रिकॉर्ड भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या यह सही नहीं है, कि जब गोधरा कांड हुआ तब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे और वह गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के वक्त भी लगातार भाजपा के साथ ही नहीं रहे, बल्कि भाजपा के साथ गठबंधन करके बिहार के मुख्यमंत्री तक बने। दरअसल अब नीतिश पीएम बनने का सपना संजो रहे हैं। इस बैठक में दिल्ली के सीएम भी शामिल हुए, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का भाजपा का समर्थन किया था।
भाजपा ने भी कसा तंज
पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की बैठक पर कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना चाहते हैं, लेकिन वह विपक्षी नेताओं से कहना चाहते हैं कि यह एकता संभवन नहीं है और यदि संभव भी हो गई तो भी कोई फायदा नहीं है। साल 2024 में मोदी 300 से अधिक सीटों के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह बेहद हास्यपद है कि कांग्रेस की छत्रछाया में कुछ ऐसे नेता एकत्र हो रहे हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या का नजारा देखा था। यह हास्यपद है कि वो लोग एकजुट होंगे, जो राष्ट्र को यह संकेत देना चाहते हैं कि उनकी स्वयं की क्षमता पीएम मोदी के आगे विफल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर यह घोषित कर दिया कि कांग्रेस पीएम मोदी को अकेले हराने में नाकाम है और उन्हें सहारे की जरूरत है।