हरियाणा

पेपरलैस हुआ हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

हरियाणा विधानसभा में पारित हुए 16 विधेयक

ई-विधान सभा की कार्यवाही में बचा 98 फीसदी कागज: विधानसभा अध्यक्ष
LP Live, Chandigarh: हरियाणा विधानसभा के तीन दिन के शीतकालीन सत्र में पेपरलैस हुई सदन की कार्यवाही में 98 फीसदी कागज की बचत हुई। इस दौरान सरकार द्वारा पेश किये गये 16 विधेयक पारित किये गये। वहीं 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई और विधायकों के सवालों के मंत्रियों ने जवाब दिये। विधानसभा सत्र की कार्य उत्पादकता 91.2 फीसदी दर्ज की गई।

हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार पेपरलैस विधान सभा का सत्र चलाने का प्रयोग अत्यंत सफल रहा। ई-विधानसभा की कार्यवाही की वजह से विधायी कामकाज की उत्कृष्टता के साथ सरकारी धन की बचत, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के तहत चली सदन की पेपरलैस कार्यवाही से 98 फीसदी कागज की बचत हुई। उन्होंने बताया कि शीतकाली सत्र की 3 बैठकें 16 घंटे 25 मिनट चली।

महत्वपूर्ण विधेयकों पर लगी मुहर
विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जानकारी दी कि 26 से 28 दिसंबर तक तीन दिन के विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 16 विधेयक पारित किए गए। वहीं 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई तथा सदन पटल पर रखे गए 60 तारांकित प्रश्नों में से 35 के जवाब संबंधित मंत्रियों ने विस्तार से दिए। शीतकालीन सत्र के लिए तारांकित प्रश्न 54 विधायकों की ओर से भेजे गए थे, जिनमें कांग्रेस के 24, भाजपा के 20, जजपा के 5 इनेलो के 1, हलोपा के 1 तथा 4 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। 22 विधायकों के 110 अतारांकित सवालों के जवाब भी सदन पटल पर रखे गए।

अल्पकालिक चर्चा
इस सत्र के दौरान एक अल्प अवधि चर्चा प्रस्ताव भी विधायी कामकाज का हिस्सा रहा। विधान सभा सचिवालय को अल्प अवधि चर्चा प्रस्ताव 2 प्राप्त हुए थे, जिनमें से एक को ध्यानाकर्षण सूचना में तबदील कर दिया गया। शून्यकाल के तहत सदन में 47 विधायकों ने अपने मुद्दों को उठाया। सदन में कांग्रेस के 20, भाजपा के 18, जजपा के 5 तथा निर्दलीय 4 विधायकों को बोलने का मौका मिला।

संसदीय परंपराओं की प्रतिबद्धता
विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि वे संसदीय परंपराओं तथा नियमों के अक्षरश: पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी विधायक या मंत्री को सदन में गलत सूचना देने की अनुमति नहीं जा सकती है। उन्होंने कहा कि गलत सूचना देने वालों के खिलाफ संबंधित विभागों ने कार्रवाई कर दी है। सदन की कार्यवाही सकारात्मक ढंग से जनता तक पहुंचाने के लिए उन्होंने मीडिया का भी आभार व्यक्त किया।

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