

जमीनी स्तर से होती है जीवंत लोकतंत्र की शुरुआत
LP Live, New Delhi: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हरियाणा के पानीपत और करनाल की जिला परिषदों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित परिचय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज भारतीय लोकतंत्र का मूल आधार है, इसलिए पंचायती राज व्यवस्था से लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण और स्थानीय स्वशासन की भावना को साकार करने का प्रयास होना चाहिए।
संसद भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को बधाई देते कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे अपनी दायित्वों के साथ पूरा न्याय करेंगे और जिन लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। बिरला ने कहा कि ‘पंचायत राज’ इकाइयां लोकतंत्री की नींव हैं और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था देश की पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ आधार पर मजबूती से टिकी हुई है। उन्होंने कहा स्थानीय स्वशासन से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आम आदमी की भागीदारी सुनिश्चित होती है और इसके माध्यम से आम आदमी अपने कानूनों, नीतियों आदि की योजना बनाने और उन्हें आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होता है। कार्यक्रम में पानीपत और करनाल की जिला परिषदों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित परिचय कार्यक्रम में करनाल के सांसद संजय भाटिया तथा सोनीपत और करनाल जिला परिषद के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

गांव समृद्ध होगा, तो मजबूत होगा भारत
बिरला ने कहा कि हमारे गाँवों को मजबूत और समृद्ध बनाने से मजबूत भारत बनेगा, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होजाती है। बिरला ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों का जनता के साथ घनिष्ठ संपर्क होता है, इसलिए उन्हें व्यापक चर्चा और संवाद के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक लोकतंत्र के रूप में हमें सही मायने में प्रगतिशील समाज के विकास के लिए जन-केंद्रित नीतियों पर अधिक जोर देना होगा। सहभागी लोकतंत्र की भूमिका पर उन्होंने कहा कि एक ऐसी प्रणाली पर काम किया जा सकता है, जिसका उपयोग करते हुए जिला परिषद भी राज्य, केंद्रीय विधान सभाओं की तरह कार्य कर सकें और जिसमें प्रश्न काल, उत्तर दिए जाने आदि के पहलुओं को शामिल किया जाए, जिससे अधिक जवाबदेही आएगी और अधिक पारदर्शिता भी आएगी।
