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विकसित भारत 2047 की थीम पर ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ शुरु

दीर्घकालीन विकास से होगा ग्रामीण भारत में बदलाव: मोदी

प्रगति मैदान के भारत मंडपम में नौ जनवरी तक चलेगा महोत्सव
LP Live, New Delhi: यहां प्रगति मैदान के भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ शुरु हो गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोलते हुए कहा कि ग्रामीण भारत के लोगों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात शनिवार को नाबार्ड और डीएफएस द्वारा आयोजित ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 2014 से केंद्र सरकार ग्रामीण विकास पर ध्यान दे रही है, जिसमें सरकार का उद्देश्य सशक्त ग्रामीण भारत सुनिश्चित करना, ग्रामीणों को पर्याप्त अवसर प्रदान करना, पलायन को कम करना और गांवों के लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाए गए हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों को पक्के घर दिए गए हैं. जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कि आज डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आज कुछ लोग जाति के नाम पर समाज में जहर फैलाने और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इन षड्यंत्रों को विफल करना होगा। अपने गांवों की साझा विरासत को संरक्षित और मजबूत करना होगा।

आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण पर फोकस
इस महोत्सव का आयोजन 4 से 9 जनवरी 2025 तक किया जा रहा है, जिसमें सरकारी सहकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों और विभिन्न क्षेत्रों के हितधारक एकत्र होकर स्थायी ग्रामीण विकास की दिशा में पहल करेंगे। सम्मेलन का केंद्रीय विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखा गया है, जो किसानों, कारीगरों, युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए आत्मनिर्भरता, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन में कई पैनल चर्चाएँ, कार्यशालाएँ और मास्टरक्लास आयोजित की गई हैं, जो जैविक कृषि, जीआई उत्पादों के लिए बाजार पहुंच, ग्रामीण महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण और सहकारी समितियों को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर केंद्रित हैं। इन सत्रों में विशेषज्ञ अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करेंगे, जिससे ग्रामीण व्यवसायों और समुदायों को लाभ मिलेगा। कार्यशालाओं में डिजिटल मार्केटिंग, जैविक खेती प्रमाणन और महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए टिकाऊ व्यापार मॉडल जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी।

ग्रामीण उत्पादों की प्रदर्शनी
इस महोत्सव में 180 स्टॉल्स की एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है, जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करती है। यहां हथकरघा, हस्तशिल्प, जैविक खाद्य उत्पाद और आदिवासी वस्तुओं से लेकर विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। यह प्रदर्शनी इन कारीगरों और उद्यमियों के लिए एक बाज़ार प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें महत्वपूर्ण नेटवर्किंग और निवेशकों से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगी। वहीं सम्मेलन में ग्रामीण भारत की परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। ये सांस्कृतिक समारोह पारंपरिक कला, शिल्प और प्रदर्शन के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेंगे।

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