सरकार की ई-वाहन प्रणाली को मिलेगी मदद
LP Live, Jammu: माता वैष्णो देवी के जिले रियासी में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में लिथियम का भंडार पहली बार पाया गया है। एक अलौह धातु के रुप में पहचाने जाने वाले लिथियम से बैटरियां बनाई जाती है। इस लिथियम के भंडार से अब सरकार द्वारा देश में चलाई जा रही ई-वाहन प्रणाली को गति देने में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मिले लिथियम के भंडार की पुष्टि केंद्र सरकार ने भी की है। वहीं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने दावा किया है जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम के भंडार पाए गए। इस प्रकार लिथियम का भंडार देश में पहली बार मिला हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार लिथियम एक हल्की धातु होती है जिसका उपयोग वैसे तो कई मदो में किया जाता है, लेकिन मुख्य रुप से ऊर्जा के लिए बैटरियों में लिथियम का ही इस्तेमाल होता है। यही नहीं लिथियम बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार करने, बीमारी या स्ट्रेस में होने वाले वाइल्ड मूड स्विंग को स्थिर करने में भी सहायक है। लिथियम एक अलौह धातु है और इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में किया जाता है। लिथियम और आयन से बनी बैटरियों में लेड-एसिड बैटरियों या निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरियों की तुलना में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है। इसलिए समान ऊर्जा भंडारण क्षमता को बनाए रखते हुए बैटरी के आकार को दूसरों की तुलना में छोटा बनाना संभव है। दुनिया भर में सरकारों द्वारा ईवी पर जोर देने के साथ इन वाहनों के निर्माण में लिथियम बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
देश में ई वाहनों का शुरू हुआ प्रचलन
केंद्र सरकार ने देश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ई वाहन को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया है। वहीं वाहन निर्माता कंपनी अब इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से निर्माण भी कर रही है। इसके लिए भारत पहले से ही लिथियम समेत प्रमुख खनिजों की आपूर्ति को मजबूत करने की तलाश में है, जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उसकी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। गौरतलब है कि खनन मंत्रालय भी कह चुका है कि उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है। इसलिए अभी तक भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है। लिथियम के भंडार मिलने से अब इस दिशा में सरकार को मदद मिलेगी।