

LP Live, New Delhi: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के खेमेबंदी को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को भूपेश बघेल की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। कांग्रेस के सामने इसी प्रकार अब राजस्थान में भी गहलोत और पायलट के बीच खाई को मिटाने की चुनौती है।
नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कांग्रेस हाईकमान ने टीएस सिंह देव को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। बैठक में लिए गये इस निर्णय की घोषणा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने की है। छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है, जहां कोई नेता उपमुख्यमंत्री का पद संभालेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव कांग्रेस घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे और उसी घोषणा पत्र में किये गये वादो पर कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने में सफल हुई, लेकिन उम्मीद के विपरीत टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तभी से उनकी नाराजगी पार्टी में भी उजागर थी। वहीं घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए और खुद सिंह देव ने वादों को पूरा करने में असमर्थता जताई। जब सिंहदेव के पंचायत विभाग को छोड़ा, तो कांग्रेस पार्टी की दृष्टि से इसका विपरीत प्रभाव पड़ता देख केंद्रीय नेतृत्व राजनीतिक सर्वे कराया।

संगठन के हित में फैसला
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय संगठन ने मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू की राय ली। सभी नेताओं ने केंद्रीय संगठन के सर्वे को लेकर अपना पक्ष रखा। उसके बाद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन की तरफ से टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसके बाद देर शाम सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई।
सिंहदेव का राजनीतिक करियर अंबिकापुर नगर परिषद से शुरू हुआ, जहां वह 1983-88 और 1995-99 में अध्यक्ष रहे। साल 2008 में सरगुजा की अंबिकापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए और उसके बाद 2013 और 2018 में भी वह विधायक निर्वाचित हुए। 2013 विधानसभा चुनाव के बाद उनको कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया। वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उनको स्वास्थ्य, वाणिज्यकर और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का मंत्री बनाया गया। उन्होंने पिछले साल पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था।
