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कवि राजेश भारती को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ से मिली उपाधि व सम्मान

LP Live, Rohtak: हरियाणा में ज़िला कैथल के गाँव काकौत के निवासी युवा साहित्यकार एवं कवि राजेश भारती को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। युवा साहित्यकार सम्मान विजेता एवं डा. राजेश भारती ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी रचनाओं से लोकप्रियता हासिल की है।

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ,भागलपुर(बिहार)की प्रांत इकाई द्वारा रोहतक में आयोजित सम्मान-समारोह एवं कवि-सम्मेलन में साहित्य सभा से जुड़े युवा साहित्यकार सम्मान विजेता राजेश भारती को विद्यावाचस्पति की उपाधि एवं सम्मान से सम्मानित किया गया। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ की हरियाणा इकाई की प्रांत अध्यक्ष डॉ. राजबाला ‘राज’ के 42वें जन्मोत्सव पर आयोजित समारोह में राजेश भारती को यह उपाधि और सम्मान समारोह के अध्यक्ष नरेंद्र अत्री जींद, मुख्य अतिथि कवि कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ ग़ज़लकार नरेश मलिक दिल्ली एवं सुशील जांगड़ा जींद ने प्रदान किया।

उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान
संस्था के बारे में जानकारी देते हुए संस्था की प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. राजबाला ‘राज’ ने बताया कि विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) के संस्थापक डा. तेज नारायण कुशवाहा, कुलाधिपति डा. राघवेंद्र नारायण आर्य, कुलपति डा. संभाजी राजराम बाविस्कर तथा कुलसचिव डा. दिपंकर वियोगी के कुशल मार्गदर्शन एवं निर्देशन में संस्था साहित्य सेवा के कार्यों में अग्रसर है। संस्था साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले साहित्यकारों को वर्षों से विद्यावाचस्पति, साहित्य शिरोमणि, महाकवि और भारत-गौरव जैसी उपाधियों तथा सम्मानों से अलंकृत करती आ रही है। राजेश भारती को यह उपाधि और सम्मान मिलने पर ज़िले में खुशी का वातावरण बना हुआ है और उन्हें निरंतर बधाइयाँ मिल रहीं हैं।

साहित्य क्षेत्र में अहम योगदान
साहित्य जगत में बाल साहित्य जैसे कठिन लेखन को धार देने वाले युवा साहित्यकार एवं कवि राजेश ‘भारती’ ने समाज को भाषा, सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के प्रति जागरूकता करने के साथ राष्ट्रप्रेम, सामाजिक समरसता जैसे सामयिक विषयों पर गंभीरता के साथ सृजनात्मक लेखन करने में जुटे हैं। खेती किसानी करने के साथ साहित्य संवर्धन करने वाले युवा कवि को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2018 के लिए स्वामी विवेकानन्द स्वर्ण जयंती युवा लेखक सम्मान से अलंकृत कर चुकी है। उन्होंने कविता संग्रह ‘ बेटियां हैं अनमोल’, ‘बेटी करे पुकार’ और ‘बिटिया के बस्ते में’ तथा बाल कविता संग्रह ‘मच्छर की शादी’, के अलावा जापानी विधा में बाल हाइकु संग्रह ‘आँख-मिचौली’ के साथ जापानी काव्य विधा-ताँका पर आधारित ‘कच्ची धूप’ नामक बाल-ताँका संग्रह भी लिखा है, जो जापानी काव्य विधा-ताँका पर देश का पहला बाल साहित्य है।
साहित्य सम्मान
युवा साहित्यकार एवं कवि राजेश भारती को हरियाणा साहित्य अकादमी के वर्ष 2018 के लिए स्वामी विवेकानंद युवा लेखक सम्मान के अलावा निर्मला स्मृति हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान, श्री देवेन्द्र माँझी साहित्य शिरोमणि सम्मान, कमल प्रकाश स्मृति साहित्य रत्न सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। हाल ही में कैथल साहित्य सभा कैथल द्वारा श्रीमती बंती देवी दीपचंद पराशर साहित्य स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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