देशराजनीतिराज्य

…. ऐसे ही हंगामे में होम हो गया संसद का शीतकालीन सत्र!

दोनों सदनों में ही बहुत कम हुआ कामकाज

लोकसभा में 4 तथा  राज्यसभा में 2 विधेयक पारित
LP Live, New Delhi: संसद का शीतकालीन सत्र ऐसा रहा, जो हंगामे की भेंट चढ़ता नजर आया। मोदी सरकार के कार्यकाल में यह पहला ऐसा सत्र रहा, जिसमें सबसे कम कामकाज हुआ। दोनों सदनों की कार्य उत्पादकता पिछले एक दशक में सबसे कम दर्ज की गई है। मसलन लोकसभा की 57.87 प्रतिशत और राज्यसभा की उत्पादकता 40 प्रतिशत काम तक ही पहुंच सकी है।

अठारहवीं लोक सभा के तीसरे यानी संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 25 नवंबर से शुरु हुए सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें करीब 62 घंटे तक चलीं। इस सत्र के दौरान उत्पाददकता 57.87 प्रतिशत रही। भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 और 14 दिसंबर को चर्चा हुई। इस सत्र के दौरान लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए। वहीं शून्य काल के दौरान 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए। इसी प्रकार नियम 377 के अधीन कुल 397 मामले उठाए गए। इससे पहले 28 नवंबर 2024 को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। वहीं सत्र के दौरान लोक सभा ने 17 दिसंबर 2024 को आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट, महामहिम एलेन सिमोनियन के नेतृत्व में आर्मेनिया से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।

संसद द्वार पर प्रदर्शन पर प्रतिबंध
इसी दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना, प्रदर्शन करना उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यदि इसका उल्लंघन होता है तो संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि उन्हें किसी भी दशा में नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

राज्यसभा में महज 40.03 फिसदी कामकाज
संसद का शीतकालीन सत्र जब 25 नवंबर को शुरू हुआ था तो देश को उम्मीदें थीं कि कई बड़े कानून बनेंगे। यह सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी हंगामे की भेंट चढ़ी सदन की कार्यवाही में केवल 40.03 फीसदी काम हो सका। उच्च सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि राज्यसभा के 266वें सत्र में 40.03 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई, जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ।

हंगामे पर जताई चिंता
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद के उच्च सदन में हंगामे और व्यवधान पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को सदस्यों से आह्वान किया कि देश की लोकतांत्रिक विरासत की मांग है कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठें और संसदीय संवाद की पवित्रता बहाल करें।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button