LP Live, Dehradun/Nainital: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय की नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश कुमारी ऋतु बाहरी ने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले जस्टिस ऋतु बाहरी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पहली महिला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थीं।
देहरादून में राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में रविवार को ऋतु बाहरी ने उत्तराखंड की मुख्य न्यायाधीश पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रथम महिला गुरमीत कौर, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. धनसिंह रावत, सांसद नरेश बंसल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, नैनीताल उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी, सचिव, राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही सहित वरिष्ठ न्यायमूर्तिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत की राष्ट्रपति द्वारा न्यायमूर्ति कुमारी ऋतु को उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने से संबंधित अधिपत्र पढ़ा। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने वाली न्यायमूर्ति बाहरी पहली महिला हैं। उत्तराखंड की मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले न्यायमूर्ति बाहरी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थीं। पिछले साल अक्टूबर में न्यायमूर्ति विपिन सांघी के सेवानिवृत्त होने के बाद से उत्तराखंड उच्च न्यायालय में यह पद खाली था और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उत्तराखंड में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी ऋतु
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उत्तराखंड हाई कोर्ट को ऋतु बाहरी के रुप में पहली महिला न्यायाधीश मिली है। इससे पहले उन्होंने 14 अक्तूबर 2023 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पहली महिला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार ग्रहण किया था।
वर्ष 1962 में पंजाब के जालंधर में जन्मी ऋतु बाहरी ने अपनी शिक्षा चंडीगढ़ में की और 1985 में पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। 986 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की और इसके बाद हरियाणा एडवोकेट जनरल कार्यालय में सेवाएं दीं। 16 अगस्त, 2010 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वर्तमान में वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की दूसरी वरिष्ठतम जज हैं। जस्टिस रितु बाहरी के पिता जस्टिस अमृत लाल बाहरी भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं।