उत्तर प्रदेशट्रेंडिंगशिक्षास्वास्थ्य

उत्तर प्रदेश में जल्द होगा ‘आयुष बोर्ड’ का गठन

बोर्ड के अधीन होंगे आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग

आयुष बोर्ड के महानिदेशक के अलावा अन्य चिकित्सा पद्धतियों के लिए अलग-अलग होंगे निदेशक
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के संचालन और संबंधित विधा के चिकित्सकों के पंजीयन के लिए एक एकीकृत ‘आयुष बोर्ड’ का गठन होगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आयुष विभाग की बैठक में यह घोषणा करते हुए कहा कि कि वर्तमान में आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के संबंध में तीन अलग-अलग बोर्ड संचालित हैं। इन सभी को एकीकृत रूप देते हुए एक बोर्ड के अधीन समाहित करने की आवश्यकता है। इसके लिए अब ‘आयुष बोर्ड’ का गठन को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं। इससे न केवल नए संस्थानों की स्थापना व विकास में प्रक्रियागत सहजता होगी, वरन, उपाधि प्राप्त चिकित्सकों के पंजीयन में भी आसानी होगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ युवाओं के बीच योग एवं नेचुरोपैथी में कॅरियर बनाने की चाह बढ़ी है। बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र की ओर से योग एवं नैचुरोपैथी संस्थानों की स्थापना को लेकर प्रस्ताव भी मिल रहे हैं। ऐसे में आयुष बोर्ड के अंतर्गत योग एवं नैचुरोपैथी संस्थानों के विनियमन और चिकित्सकों के पंजीयन की कार्यवाही की जानी चाहिए।

आयुष बोर्ड का मुखिया महानिदेशक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित आयुष बोर्ड का मुखिया महानिदेशक होगा, जबकि आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी तथा योग, नैचुरोपैथी व सिद्धा पद्धतियों के अलग-अलग निदेशक स्तर के अधिकारी इस व्यवस्था को संचालित करेंगे। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के उपरांत शीघ्र ही उत्तर प्रदेश का आयुष अधिनियम तैयार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों के लिए तय मानकों को व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से हेल्थ टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। योग एवं नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करना इस दिशा में अत्यंत उपयोगी होगा। प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध-अध्ययन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

आयुष्मान भारत में यूपी की ऊंची छलांग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे औेर गुजरात पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, कर्नाटक सातवें और ओडिशा आठवें स्थान पर है। वहीं इन 4.77 करोड़ अकाउंट्स के अंतर्गत 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है। इस मामले में भी यूपी देश के टॉप थ्री राज्यों में है। मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और गुजरात इस मामले में उत्तर प्रदेश से काफी पीछे हैं।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button