उत्तराखंड

उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम में होगा संशोधन

पं. राजेन्द्र अणथ्वाल की अध्यक्षता में हुई बैठक

उत्तराखंड गौ सेवा आयोग की बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले
LP Live, Dehradun: उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग की बैठक में राज्य में गौं सवंर्धन और गाय के गोबर व मलमूत्र से उत्पाद बनाने पर बल दिया गया। वहीं एक महत्वपूर्ण निर्णय में पशुधन भवन देहरादून में उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अधिनियम की कतिपय धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव किया गया। इसके साथ ही आयोग में कार्मिकों का ढांचा स्वीकृत करने एवं आयोग की नियमावली प्रख्यापित किए जाने संबंधी प्रस्ताव भी प्रस्तुत किये गये।

यहां पशुधन भवन में पं. राजेन्द्र अणथ्वाल की अध्यक्षता में हुई उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग की कार्यकारिणी की बैठक में वनों के समीप गौचर भूमि पर निराश्रित गौवंश हेतु आदर्श गौशाला एवं गौसदनों को आत्म निर्भर बनाये जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए गौवंश के गोबर से गैस, गमले, डण्डे (काउ डंग लॉग) दीये, अगरबत्ती आदि तथा गौमूत्र से फिनायल, गौमूत्र अर्क इत्यादि तैयार किए जाने हेतु संयत्रों व मशीनों की खरीद पर सरकार द्वारा 90 के अनुपात में अनुदान संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। वहीं गौसदनों/गौशालाओं के आर्थिक बोझ कम करने हेतु उनमें संयोजित विद्युत/पानी के कनेक्शनों को व्यावसायिक से घरेलू कनेक्शन में परिवर्तित करने संबंधी प्रस्ताव पर पिटीशन विद्युत विनियामक आयोग में डालने के निर्देश दिए गये।

गौं सरंक्षण स्कावयड का विस्तार
बैठक में गौवंश के प्रति अपराध पर रोक लगाने हेतु पुलिस विभाग द्वारा परिक्षेत्र स्तर पर गठित गौवंश सरंक्षण स्कवायड का प्रत्येक जनपद व थाना स्तर तक विस्तारीकरण करने के निर्देश दिए गये। वहीं राज्य में सभी गौ एवं गौवंष का पंजीकरण सुनिश्चत करने हेतु पशुपालन को निर्देश दिए। सड़कों पर गौवंश छोड़ने पर संबंधित के विरूद्ध गौवंश सरंक्षण अधिनियम की धारा-7 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही किए जाने हेतु सभी नगर निकायों व पंचायतों को निर्देश दिए गये है।

गौं वंश हेतु बजट का प्रस्ताव
बैठक में उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम-2007 को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु अधिनियम की कतिपय धाराओं में संशोधन एवं आयोग में कार्मिकों का ढांचा स्वीकृत किए जाने एवं आयोग की नियमावली प्रख्यापित किए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। आयोग को गौ एवं गौवंश के सरंक्षण हेतु कोई भी बजट प्राप्त न होने के कारण वित्तीय संसाधनों के अभाव में दूसरी संस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इस दिशा में हर वित्तीय वर्ष में बजट प्रावधान कराने के निर्देश दिए गये। इसके अलावा आबकारी, भूमि क्रय एवं अन्य पर शुल्क या सेस लगाकर इससे प्राप्त होने वाली आय को गौ एवं गौवंश के सरंक्षण, संवर्धन एवं विकास के कार्यो पर व्यय किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर भी विचार किया गया।

बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में पशुपालन, कृषि, दुग्ध विकास के सचिव डा बीबीआर पुरूषोत्तम, संयुक्त सचिव(राजस्व) कृष्ण कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार, पशुपालन निदेशक डा. प्रेम कुमार, अपर निदेशक पशुपालन डा. अविनाश आनन्द, यूएलडीबी के मुख्यमं अधिशासी डा. राकेश नेगी, पशुकल्याण बोर्ड में पशुचिकित्सा अधिकारी डा. उर्वशी, शहरी विकास में सह निदेशक राजीव पाण्डेय, पंयायतीराज विभाग में उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी और प्रभारी अधिकारी डा. डीसी सेमवाल, गो सेवा आयोग एंव उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग के नव नियुक्त सदस्य रामेश्वर दास, महामण्डलेष्वर ईश्वरदास के प्रतिनिधि स्वामी पवन दास, शकर दत्त पाण्डे, धर्मवीर सिंह गुसांई, शीतल प्रसाद, सतीष उपाध्याय, विजय बाजपेयी, राजेन्द्र सिंह नेगी, अनिल सिंह नेगी, गौरी मोलेखी एवं कामिनी कश्यप आदि शामिल रहे।

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