

सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगा आर्थिक लाभ व सुरक्षा
LP Live, Chandigarh: हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के हित हरियाणा सिविल सेवा पेंशन नियमों में संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत सिविल सेवा कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी राशि की अधिकतम सीमा अब 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। इस फैसले से हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
वित्त विभाग ने इस संशोधन को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस अधिसूचना के अनुसार इस संशोधन का लाभ हरियाणा सरकार के अधीन सभी सिविल सेवा कर्मचारियों को मिलेगा। खास तौर पर वे कर्मचारी जो आने वाले समय में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा। इससे न केवल कर्मचारी आर्थिक रूप से मजबूत होंगे बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक राहत मिलेगी। सरकार के इस फैसले से ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे उनका भविष्य और अधिक सुरक्षित होगा। वहीं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और उनमें अपने काम के प्रति अधिक समर्पण की भावना जागृत होगी। इससे सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता का लाभ मिलेगा। दरअसल हरियाणा सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वह अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस फैसले से कर्मचारियों का यह विश्वास और मजबूत होगा कि सरकार उन्हें उनकी सेवा के बदले में सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन प्रदान करने का प्रयास कर रही है।

संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू
हरियाणा वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अब सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। हरियाणा सरकार द्वारा सिविल सेवा पेंशन नियमों में किया गया यह संशोधन स्वागत योग्य कदम है। इससे सरकारी कर्मचारियों का भविष्य और अधिक सुरक्षित और मजबूत होगा। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों के लिए राहत भरा है बल्कि यह सरकार की सकारात्मक सोच और कर्मचारी हितैषी नीतियों का भी प्रमाण है।
क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी एक प्रकार की सेवानिवृत्ति लाभ योजना है, जो कर्मचारी द्वारा अपने सेवा काल के दौरान किए गए समर्पित कार्यों के बदले में सेवानिवृत्ति पर दी जाती है। यह राशि कर्मचारी की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती है, ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें। हरियाणा सरकार द्वारा ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने का फैसला दर्शाता है कि सरकार अपने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर गंभीर है। बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत को ध्यान में रखते हुए यह संशोधन समय की मांग थी।
