कांग्रेस ने ईवीएम और बैटरियों में खामियां बताकर पुनर्मतदान कराने की मांग की थी
LP Live, New Delhi: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्ता के लिए कांग्रेस ने सभी दांव पेंच अपनाए, लेकिन भाजपा की रणनीति के सामने उसके सभी दांव फेल होते नजर आए। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने चुनाव में अनियमितता के आरोपों लगाते हुए चुनाव आयोग से 26 सीटो पर दोबारा मतगणना कराने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने जांच के बाद कांग्रेस के इन आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस पार्टी को चुनाव दर चुनाव निराधार आरोपों से दूर रहने के लिए भी लिखा है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने बीते एक साल के पांच ऐसे विशिष्ट मामलों का हवाला भी दिया है। आयोग ने इन मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को बिना किसी सबूत के चुनावी कार्यों पर आदतन हमलों से बचना चाहिये। आयोग ने सबूतों के साथ कांग्रेस को लिखे 1642 पन्नों के जवाब में ‘सामान्य’ संदेह का दावा कर हवा बनाने का आरोप लगाया। इस संदर्भ में आयोग ने कांग्रेस को सख्ती के साथ भविष्य में निराधार आरोपों से बचने का परामर्श भी दिया है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर निराधार और सनसनीखेज शिकायतों के प्रति आगाह किया। उन्हें चेताया है कि यह प्रयास कभी भी सच को झूठ और झूठ को सच नहीं कर सकते।
26 विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्सत्यापन
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 1642 पन्नों का जवाब भेजा है। इनमें आयोग ने जरूरी सबूत भी दिए हैं। आयोग ने कहा है कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया के किसी भी चरण में कोई भी गलती नहीं थी। सब कुछ कांग्रेस के उम्मीदवार या उनके एजेंटों के सामने हुआ था। इसके लिए पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेना था। इसके बाद भी आयोग ने कांग्रेस द्वारा की गई 26 विधानसभा क्षेत्रों के संबंध में निर्वाचन अधिकारियों ने गहन पुनर्सत्यापन किया, बिंदुवार शिकायतों का अवलोकन किया। आयोग ने अपने जवाब में इस बात के भी सबूत दिए गए हैं कि कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि सभी चरणों में मौजूद थे, जिसमें ईवीएम की बैटरी चालू करने के समय और उसके बाद लगातार 7-8 दिनों तक गिनती खत्म होने तक का समय शामिल है।