

आठवीं कक्षा तक श्रीमद्भगवद्गीतागीता पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय
LP Live, Chandigarh: हरियाणा की नायब सैनी सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों को संस्कारवान बनाने व सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करने की कवायद में जुट गई है। सरकार ने आठवीं कक्षा तक स्कूली पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीतागीता को शामिल करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में स्कूलों का कायाकल्प करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के साथ बैठक करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्र और शिक्षकों के अनुपात को सुनिश्चित किया जाए। दरअसल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए भी हरियाणा में नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि आगामी शैक्षणिक सत्र में किसी भी सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी नहीं होनी चाहिए। हालांकि हरियाणा में शिक्षकों की कमी नहीं है। केवल छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने की जरूरत है। सरकार का मानना है कि सरकारी स्कूलों के प्रति जनता में विश्वास जागृत होने से ही अधिकाधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने आ सकेंगे। सीएम सैनी ने मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के इंजीनियरिंग विंग के कार्यों के लिए अन्य विभागों के एक्सईएन लेवल के अधिकारियों को टेंडर इत्यादि प्रक्रियाओं के लिए अधिकृत किया जाए। जो ठेकेदार कार्य तय समय में पूरा नहीं करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जाए।

मूलभूत सुविधाओं पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों का भी कौशल विकास किया जाए ताकि वे नई पद्धतियों के अनुसार बच्चों को पढ़ा सकें। वहीं बच्चों को ऊर्जावान बनाने के लिए स्कूलों में खेल और स्वच्छता को अनिवार्य किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय की व्यवस्था व स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए। ब्लॉक स्तर पर संचालित सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम वाले माडल संस्कृति स्कूल स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए होड़ लगी है। इसलिए ब्लाक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
ड्राप आउट की समस्या समाप्त हो
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हर बच्चे को ट्रैक किया जाए कि वह 12वीं कक्षा के बाद किस संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। हरियाणा से बाहर भी यदि कोई बच्चा शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो उसकी भी जानकारी रखी जाए। ड्राप आउट की समस्या पूरी तरह खत्म होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि एआइ के युग में हमें आधुनिक शिक्षा में अमूल चूल परिवर्तन करने होंगे। सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करें, अन्यथा खामियाजा भुगतने को तैयार रहे।
