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डूंगरपुर मामला: सपा नेता आजम खां को सात साल की कैद

अदालत से सीओ समेत तीन अन्य को मिली पांच-पांच साल की सजा

डूंगरपुर के एक अन्य मामले में बरी भी हो चुके आजम
LP Live, Lucknow: एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में सपा नेता आजम खां को सात साल की सजा सुनाई है। वहीं इस मामले में दोषी करार पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड सीओ आले हसन और ठेकेदार बरकत अली को भी पांच जेल की कैद की सजा सुनाई है।

एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चार मार्च को इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी थी। शनिवार को कोर्ट ने आजम खां समेत उक्त चारों को दोषी करार दिया। सोमवार को सुनवाई करते हुए आजम खां को सात साल तथा पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड सीओ आले हसन, ठेकेदार बरकत अली को पांच साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि रामपुर कोर्ट ने शनिवार को सपा नेता आजम खां समेत चार आरोपियों को दोषी करार दिया। सपा नेता आजम खां को कड़ी सुरक्षा के बीच सीतापुर जेल से शनिवार दोपहर करीब तीन बजे कोर्ट में पेश किया गया था, जबकि इससे पहले पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अमहद खां को बिजनौर जेल से लाया गया था। इसके अलावा अन्य सभी आरोपी जमानत पर होने की वजह से बाहर थे। वह खुद ही कोर्ट में पेश हुए। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपना केस साबित करने के लिए एहतेशाम समेत 14 गवाहों को पेश किया गया। उन्होंने अपने बयान में आरोपों की पुष्टि की। सपा नेता आजम खां समेत अन्य आरोपियों ने दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए जिसमें उल्लेख किया कि विवादित भूमि नगर पालिका के रिकार्ड में टंचिंग ग्राउंड के रूप में दर्ज थी। पालिका की एनओसी पर डूडा ने आसरा काॅलोनी का निर्माण कराया था। बचाव पक्ष की ओर से कोई मौखिक साक्ष्य पेश नहीं किया गया था।

क्या था मामला
डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के दौरान वर्ष 2019 में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से एक केस इसी बस्ती के रहने वाले एहतेशाम ने दर्ज कराया था। आजम खां को आपराधिक षड़यंत्र का आरोपी बनाया था, जबकि अन्य पर घर में घुसकर मारपीट करने, धमकाने, डकैती आदि जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। डूंगरपुर बस्ती निवासी एहतेशाम का आरोप है कि सपा नेता आजम खां के इशारे पर सीओ आले हसन के साथ मिलकर सपाइयों ने एहेतशाम के घर में घुसकर मारपीट और धमकाने की घटना को अंजाम दिया था। हालांकि इन सभी पर डकैती डालने का भी आरोप लगाया था लेकिन वह साबित नहीं हो पाया। इसी एक अन्य मामले में कोर्ट ने 31 जनवरी 2024 को आजम खां सहित अन्य सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

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