संसद: लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
आपराधिक कानून समेत 18 विधेयकों पर लगी मुहर
विपक्ष के हंगामे के बावजूद 74 फीसदी हुआ कामकाज
LP Live, New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। लोकसभा में इस दौरान कई अंग्रेजी हुकूमत के आपराधिक तीन कानूनों समेत 18 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये। सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के बावजूद सदन में 74 फीसदी कामकाज हुआ। वहीं नियमों का उल्लंघन करने पर विपक्ष के एक सौ से ज्यादा सांसदों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की गई।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत चार दिसंबर को हुई थी, जिसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई बाधित होती रही। 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर लोकसभा में स्मोक लांचर के साथ कूदे युवक से संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर विपक्ष ज्यादा आक्रमक नजर आया और नारेबाजी के साथ जमकर हंगामा किया। इस हंगामे के कारण नियमों का उल्लंघन करने पर विपक्ष के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई गुरुवार अंतिम दिन तक चलती रही। अंतिम दिन भी तीन सांसदों को निलंबित किया गया। इसके बावजूद लोकसभा में कामकाज का प्रतिशत 74 फीसदी दर्ज किया गया।
डेढ़ दर्जन विधेयक हुए पारित
17वीं लोकसभा के 14वें सत्र की कार्यवाही को स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी दी कि गुरुवार को लोकसभा ने दो महत्वपूर्ण विधेयकों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा शर्तों और कार्यालय अवधि) विधेयक-2023 और प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक-2023 को पारित कर दिया। लोकसभा की उत्पादकता लगभग 74 प्रतिशत रही यानी सत्र में 14 बैठकों के दौरान 61 घंटे और 50 मिनट तक कामकाज हुआ। इस दौरान लोकसभा में 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 18 विधेयक पारित किए गए। इनमें प्रमुख रुप से भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, और दूरसंचार विधेयक शामिल हैं।
पटल पर रखे गये 1930 दस्तावेज़
बिरला ने बताया कि इस दौरान वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की पूरक मांगों को तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को मतदान के उपरांत पारित किया गया। बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और नियम 377 के अधीन कुल 265 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए। उन्होंने कहा कि लोकसभा की विभागों से संबंधित स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। निदेश 73क के अधीन 33 वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य के संबंध में संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिए गए तीन वक्तव्यों सहित कुल 34 वक्तव्य दिए गए। बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान कुल 1930 दस्तावेज़ सभा के पटल पर रखे गए।
बिरला व विपक्षी नेताओं से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा सत्र के खत्म होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में लोकसभा अध्य1क्ष ओम बिरला और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय कार्यराज्य मंत्री भी मौजूद थे।वहीं विपक्ष से बीजद के भरतरी मेहताब और बीएसपी के 2 सासंद भी मौजूद रहे।