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संभल हिंसा: पांच मौतों के बाद तनाव, जिले में ‘बाहरी’ लोगों के प्रवेश पर रोक

सपा सांसद बर्क समेत 2500 के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान रविवार को भड़की थी हिंसा
LP Live, Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण दौरान भड़की हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। शहर में कर्फ्यू जैसे हालात के बीच तनाव बना हुआ है। जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 163 के अंतर्गत 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत आगामी 30 नवंबर तक जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार जिले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 163 के अंतर्गत 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसके तहत अब किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को जिले में दाखिल होने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिले में लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इसे देखते हुए एक अक्टूबर से लागू निषेधाज्ञा के वर्णित उपबंधों के अतिरिक्त उपबंधों को शामिल किया जाता है। अब कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जन प्रतिनिधि सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह आदेश निषेधाज्ञा एक अक्टूबर, 2024 का अभिन्न अंग रहेगा तथा तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। गौरतलब है कि संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किए जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान 5 व्यक्तियों की मौत हो गई। घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग जख्मी भी हुए हैं।

सपा सांसद व विधायक साजिशकर्ताओं में नामदर्ज
संभल में रविवार को भड़की हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने आगजनी करते हुए पुलिस पर पथराव और गोलीबारी तक की थी। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन पुलिसकर्मियों व प्रशासनिक अधिकारियों समेत 30 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे, जिनमें एसडीएम और एसपी के पीआरओ भी शामिल हैं। इस मामले में पुलिस ने संभल कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान और विधायक नवाब इकबाल के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ उपद्रव की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ है। करीब ढाई हजार उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

क्या है मस्जिद विवाद
सूत्रों के मुताबिक स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि जिस जामा मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने 24 नवंबर को सर्वे की शेष कार्यवाही की। इसके बाद मुस्लिम समुदाय ने भारी विरोध प्रदर्शन करते हुए पथराव और आगजनी की। घटना के बाद संभल जिले का माहौल अति संवेदनशील हो गया है। शहर में भारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं।

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