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राजस्थान: उपराष्ट्रपति ने किया मूंगफली अनुसंधान संस्थान का लोकार्पण

बिकानेरी स्वाद में ब्रांडिंग में अनुसंधान केंद्र के होंगे दूरगामी परिणाम:धनखड़

केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का लोकार्पण
LP Live, Bikaner: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीकानेर में क्षेत्रीय मूंगफली अनुसंधान केंद्र और का लोकार्पण करते हुए कहा कि बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग में इस अनुसंधान केंद्र के दूरगामी परिणाम होंगे। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का भी लोकार्पण किया।

राजस्थान के बीकानेर में स्थापित मूंगफली अनुसंधान संस्थान का लोकार्पण करने के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि बीकानेर की नमकीन, भुजिया और रसगुल्ले की तारीफ करते हुए बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी और यह काम अर्जुन राम मेघवाल जी के जिम्मे होगा। उन्होंने कहा मूंगफली की ब्रांडिंग का काम यहां से शुरू होना चाहिए और इस क्षेत्र में व्यापार की बहुत सी संभावनाएं हैं, क्योंकि मूंगफली को बादाम और काजू से ज्यादा पसंद किया जाता है और इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं। उन्होंने धानमंत्री मोदी द्वारा मोटे अनाज को बढ़ावा दिए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि आज देश के प्रतिष्ठित होटल भी अपने व्यंजनों की सूची में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं, और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस मौके पर बीकानेर के सांसद और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अर्जुन राम मेघवाल ने भारत की संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने आगे कहा कि आपके इस सपूत ने देश की आधी आबादी को उनके हक दिलाने के लिए इतिहास रच दिया है, ऐसा इतिहास जिसका लोगों को वर्षों से इंतजार था, जो काम और कई लोग नहीं कर पाए वह काम मेघवाल जी ने करके दिखाया है। कार्यक्रम के बाद माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के अपने शिक्षक श्री जी एस आचार्य से बीकानेर में सप्रेम भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। वे बीकानेर में रह रहे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के अन्य सदस्यों से भी मिले।

दुनिया ने देखा भारत का रंग
उपराष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वह करके दिखाया जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी, भारत ने इतना सफल कार्यक्रम आयोजित किया है कि पूरी दुनिया देखकर दंग रह गई है।आगे उन्होंने कहा कि आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जी-20 के की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं को मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे गए। उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का परोसा जाना, हर गांव, गरीब और किसान के लिए एक सम्मान की बात है। धनखड़ ने सांसद कैलाश चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि जब कैलाश चौधरी की कृषि राज्य मंत्री थे उस समय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मोटे अनाज अर्थात बाजरा के महत्व को दुनिया के सामने बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित कराया और यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने 60 के दशक में देश में अनाज संकट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के उस आह्वान को याद किया जिसमें उन्होंने देश के नागरिकों से एक दिन का उपवास करने का आह्वान किया था, और उनके आह्वान पर देश के किसानों ने संकल्प लिया और आज हमारे किसानों के पसीने और मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना है बल्कि आज दुनिया को भारत खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है।

दुनिया ने देखा भारत का रंग
उपराष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वह करके दिखाया जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी, भारत ने इतना सफल कार्यक्रम आयोजित किया है कि पूरी दुनिया देखकर दंग रह गई है।आगे उन्होंने कहा कि आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जी-20 के की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं को मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे गए। उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का परोसा जाना, हर गांव, गरीब और किसान के लिए एक सम्मान की बात है। धनखड़ ने सांसद कैलाश चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि जब कैलाश चौधरी की कृषि राज्य मंत्री थे उस समय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मोटे अनाज अर्थात बाजरा के महत्व को दुनिया के सामने बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित कराया और यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने 60 के दशक में देश में अनाज संकट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के उस आह्वान को याद किया जिसमें उन्होंने देश के नागरिकों से एक दिन का उपवास करने का आह्वान किया था, और उनके आह्वान पर देश के किसानों ने संकल्प लिया और आज हमारे किसानों के पसीने और मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना है बल्कि आज दुनिया को भारत खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है।

बाजरा अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसके अलावा बाड़मेर के गुड़ामालानी में आईसीएआर के क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास किया, इस शिलान्यास के अवसर पर वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश जी के प्रयासों से राजस्थान के बाड़मेर में आज इस बाजरा अनुसंधान संस्थान की आधार शिला रखी गई है।

 

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