मुजफ्फरनगर में धनगर जाति के 92 प्रमाण पत्र निरस्त
LP Live, Muzaffarnagar : जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने धनगर जाति के 92 प्रमाण पत्र निरस्त कर दिये हैं। इन लोगों के अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र फिर से बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब प्रशासन इस मामले की भी जांच कर रहा है कि कहीं इन्होंने धनगर जाति के प्रमाण पत्रों से कोई लाभ तो नहीं लिया है। प्रमाण पत्र निरस्त होने से समाज में मुख्यागिरी करने वालो की किरकिरी भी हुई है।
दरअसल, गडेरिया जाति कुछ लोगों ने पूर्व में धनगर जाति के प्रमाण पत्र बनवा लिए थे। पूरे प्रदेश में बीते दिनों यह मामला सुर्खियों में रहा। इस कारण शासन ने धनगर जाति के प्रमाण पत्र बनाने पर मुजफ्फरनगर में रोक लगा दी थी। यह इसलिए हुआ था क्योकि गडेरिया जाति अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है, जबकि धनगर अनुसूचित जाति में आते हैं। गडेरिया जाति के लोगों से प्रशासन ने धनगर जाति के प्रमाण पत्र वापस करने की अपील की थी। जिसके लिए शपथ पत्र देने को कहा था। इस पर तीन माह में जिले के 92 लोगों ने धनगर जाति के प्रमाण पत्र निरस्त करने को शपथ पत्र तहसीलों में दिए हैं। यह शपथ पत्र इसलिए दिये गये क्योंकि स्टेट से धनगर जाति प्रमाण पत्र वालों का केंद्र से यह नही बन पा रहा था। इस कारण वह दोनों के लाभ से वंचित हो रहे थे। इस पर सितंबर माह में डीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसके बाद शपथ पत्र देने वाले लोगों के धनगर जाति के प्रमाण पत्र निरस्त करने की सस्तुति हुई। जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति के सचिव और जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत कुमार मलिक ने बताया, शपथ पत्र देने वाले लोगों के धनगर जाति के प्रमाण पत्र निरस्त हुए हैं। जिनके प्रमाण पत्र निरस्त हुए हैं, उन्हें गडेरिया जाति के आधार पर ओबीसी के प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इसके लिए उन्हें संबंधित तहसील में नए सिरे से आवेदन करने होंगे।
क्या बोले समाज के लोग, पढ़िए: धनगर समाज के नेता संजय धनगर का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में धनगर जाति को एससी का प्रमाण पत्र जारी करने का शासनादेश जारी किया है, लेकिन जिलों में अधिकारियों की मनमानी के कारण आदेश लागू ही नहीं हो पा रहे हैं। पूर्व सभासद अरविंद धनगर का कहना है कि प्रशासन केंद्र का एससी का प्रमाण पत्र जारी नहीं करता। तैयारी करने वाले छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल पाता। धनगर समाज शोषण हो रहा है।