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राजस्थान: एनआईए ने मारे पीएफआई के ठिकानों पर छापे

आपत्तिजनक दस्तावेज व हथियार बरामद, हिरासत में लिए कई सदस्य

देश के कई राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए की कार्रवाई
LP Live, Jaipur: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनाआईए ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) और इससे जुड़े लोगों, संस्थानों पर ऑपरेशन चला रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसी अभियान में टेरर फंडिंग मामले को लेकर राजस्थान के आधा दर्जन से ज्यादा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान एनआईए फ्रंट के सदस्यों के घरों पर तलाशी अभियान चलाकर केई सदस्यों को भी पकड़ा है।

एनआईए की राजस्थान के साथ ही बिहार, यूपी सहित कई राज्यों के सैकड़ो ठिकानों पर यह छापामारी चल रही है। शनिवार को राजस्थान के जयपुर, बूंदी, सवाईमाधोपुर और कोटा में कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। एनआईए ने कोटा में तीन, जयपुर, सवाईमाधोपुर, बूंदी व भीलवाड़ा में एक-एक पीएफआई के सदस्यों के ठिकानों व घरों पर छापे मारे। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने देर रात करीब एक बजे भीलवाड़ा की गुलनगरी में रहने वाले वाले इमरान रंगरेज के घर पर छापा मारा, जो एसडीपीआई का सोशल एक्टीविस्ट है और पीएफआई का पूर्व कार्यकर्ता भी है। इसी प्रकार कोटा में एनआईए की टीम ने रामपुरा थाना क्षेत्र में दबिश दी है। कोटा में कुल तीन जगह छापे मारे गए। उदयपुर से 2 और कोटा-बारां से एक-एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। खास बात यह है कि एनआईए को बच्चों को आतंकी ट्रेनिंग देने के इनपुट भी मिले हैं।

हथियार व संदिग्ध दस्तावेज बरामद
एनआईए के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में पहले की गई रेड में बारां के रहने वाले आरोपी सादिक सर्राफ पुत्र समर निवासी और मोहम्मद आसिफ पुत्र अशफाक मिर्जा को पकड़ा गया था। पूछताछ में सामने आया कि दोनों पीएफआई के पदाधिकारियों, मेंबर्स और कैडर के साथ पीएफआई के कोटा जिले में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। एनआईए ने 19 सितंबर 2022 को एक मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद एनाईए की ओर से पीएफआई पदाधिकारियों के संदिग्ध आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। इस छापेमारी के दौरान तलाशी में डिजिटल डिवाइस, एयर गन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट जब्त किए गए जा रहे हैं।

डेढ दर्जन से ज्यादा राज्यों में नेटवर्क
पीएफआई की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुसलमानों के विभिन्न आंदोलनों से जुड़ी हुई हैं। दरअसल 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (एनडीएफ) की स्थापना की थी। धीरे-धीरे एनडीएफ ने केरल में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं और समय-समय पर इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आई है। 2003 में कोझिकोड के मराड बीच पर 8 हिंदुओं की हत्या में एनडीएफ के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।

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