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यूपी: सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर योगी सरकार

6 जनवरी से सभी स्कूल-कालेजों में सड़क सुरक्षा नियमों के जागरुकता कार्यक्रम

उप्र राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सीएम योगी ने दिये निर्देश
जनपदीय सड़क सुरक्षा समितियां 05 जनवरी तक करेंगी बैठक
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समितियां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 05 जनवरी तक हर हाल में बैठक सम्पन्न कर लें और 06 से 10 जनवरी, 2025 तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से सम्बन्धित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।

यहां लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समितियां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 05 जनवरी, 2025 तक हर हाल में बैठक सम्पन्न कर लें। 06 से 10 जनवरी, 2025 तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से सम्बन्धित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष हो रही 23-25 हजार मौतें देश व राज्य की क्षति है। सड़क सुरक्षा माह प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से सम्पन्न कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने प्रत्येक माह सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक करने के निर्देश जारी किये, जिसमें पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थिति अनिवार्य होगी। सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों द्वारा लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाएं। इसे सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए। राहगीरों/आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को गोल्डेन आवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाएं। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करें। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री श्री अरविन्द कुमार शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सन्दीप सिंह तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

यातायात नियमों का सख्ती से पालन हो
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हर तीसरे महीने जनपद स्तर पर हुए कार्यों का प्रगति मूल्यांकन शासन स्तर पर किया जाए। नाबालिग, ई-रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन न कर पाएं। ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई सुचारु रूप से की जाए। सीएम योगी ने सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाने, ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई करने, दुर्घटना का कारण बन रहे एक्सप्रेस-वे व हाईवे पर खड़े वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाने को भी कहा। वहीं हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को प्रेरित करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्तीकरण आदि की कार्रवाई की जानी चाहिए। इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फास्टैग से जोड़ा जाए।

ब्लैक स्पॉट चिन्हित हों
उन्होंने कहा कि उन जनपदों व स्थलों को चिह्नित करें, जहां अधिक दुर्घटनाएं सम्भावित हैं। कारणों का पता लगाते हुए, इस समस्या के समाधान की कार्ययोजना बनाई जाए। सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों द्वारा लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाएं। इसे सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए। राहगीरों/आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को गोल्डेन आवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाएं। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करें।

सड़क सुरक्षा जागरुकता पर बल
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाएं। रोड सेफ्टी अवेयरनेस कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियम से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबन्ध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं कराई जाएं। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की बसों के ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। बसों की फिटनेस का भी ध्यान रखा जाए। हर निकायों में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित किया जाए। सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड न लगे, उनके लिए स्पेस बनाया जाए। ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए बाइकों में से मोडिफाई साइलेंसर व हॉर्न को प्रतिबन्धित किया जाए। अवैध रूप से बसों का संचालन दुर्घटना का कारण बनता है। गैर-अनुबन्धित बसों का पंजीकरण कर, उन्हें निर्धारित रूट प्रदान किया जाए। इससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी, साथ ही आमजन को भी सुविधा मिलेगी।

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