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यमुना नदी में जहर घोलने के आरोप लगाकर खुद घिरे केजरीवाल

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से शुक्रवार तक मांगे सबूत और स्पष्टीकरण

हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने यमुना का पानी पीकर केजरीवाल को बताया झूठा
LP Live, New Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने के लिए मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राजनीतिक दल कोई भी हद पार कर सकते हैं, ऐसा ही आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है। यह आरोप केजरीवाल के गले की फांस बनता नजर आ रहा है, जिसमें भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपने उस आरोप को साबित करने का दूसरा मौका दिया है, जिसमें 31 जनवरी तक केजरीवाल से स्पष्टीकरण और सबूत भी मांगा है।

आप संयोजक केजरीवाल को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। आयोग ने आपको 29 जनवरी 2025 तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था। आयोग ने 29 जनवरी 2025 को आपके जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त किया, जिसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी। आयोग ने उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि कौन सा पदार्थ, कितनी मात्रा में और किस प्रकार से पानी में मिलाया गया था, वहीं यह भी पूछा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों का इस जहरीले पानी की पहचान में क्या योगदान था। आयोग ने शुक्रवार सुबह 11 बजे तक का वक्त अरविंद केजरीवाल को अपना स्पष्टीकरण पेश करने के लिए दिया था, लेकिन जवाब स्पष्ट न होने के कारण अब 31 जनवरी तक चुनाव आयोग ने पांच सवालों के जवाब मांगे हैं।

क्या था केजरीवाल का आरोप
केजरीवाल ने अपने आरोप में कहा था कि यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ा कर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है। केजरीवाल ने यमुना नदी में जहर घोलने की घटना को ‘युद्ध जैसा कृत्य’ और ‘दिल्ली में नरसंहार करने की साजिश’ बताया था। यह दावा किया था कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय रहते जहर के पानी का पता लगा लिया और उसे दिल्ली की सीमा पर रोक लिया गया था। लेकिन इस बयान का समर्थन करने के लिए कोई तथ्यों या कानूनी समर्थन के प्रमाण नहीं दिए गए हैं। आपने अपने बयान को स्पष्ट करने की बजाय, यमुना नदी में उच्च अमोनिया स्तर को जहर घोलने का कारण बताने की कोशिश की। इस पर निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से यह भी अनुरोध किया है कि वे अमोनिया संदूषण और जहर देने के आरोपों के बीच अंतर को स्पष्ट करें और दोनों मुद्दों को एक साथ जोड़ने से बचें। आयोग ने केजरीवाल को भड़काऊ बयान देने से भी सावधान किया है, जिससे सार्वजनिक अशांति या समुदायों के बीच विवाद पैदा हो सकता है। ईसीआई ने यह भी कहा कि पानी की उपलब्धता और स्वच्छता शासन की अहम जिम्मेदारी है, और सभी सरकारें सुरक्षित पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं।

सीएम नायब सैनी ने पिया पानी
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के हरियाणा पर यमुना नदी में जहर घोलने का आरोप लगाने के बाद सियासत के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यमुना नदी पर पहुंच गए और यमुना के तट पर खड़े होकर पानी भी पिया। सीएम सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाकर भेजने के आरोप पर अधिकारियों ने सैंपल लिया है, जिसे खुद सैनी ने पानी का आचमन किया है जिसमें कोई जहर नहीं है। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि वह खुद बीते 11 सालों से हरियाणा का पानी पी रहे हैं।

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