‘टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश’ का सपना साकार करेंगे सेवानिवृत्त अधिकारी व शिक्षाविद्
मुख्यमंत्री योगी ने सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस, कुलपतिगणों को दिलाई शपथ


टीबी रोगी समाज का अंग, उनका सहारा बनें निक्षय मित्र: मुख्यमंत्री योगी
27 लाख टीबी रोगियों के खाते में अब तक 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान: मुख्यमंत्री
LP Live, Lucknow: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब एक अभिनव पहल की है। मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस, आईपीएस, पूर्व कुलपतिगणों/शिक्षाविदों व अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘निक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी दी है। ‘निक्षय मित्र’ के रूप में यह वरिष्ठ नागरिक ‘टीबी उन्मूलन’ के प्रयासों में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे।
यहां गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में सभी के साथ बैठक की और टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का आह्वान किया। इसविशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और पूर्व कुलपतिगणों का स्वागत करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी रोगी समाज का अंग हैं, समाज में उनको सम्मान प्रदान कराया जाना, हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। निक्षय मित्र के रूप में सभी सेवानिवृत्त आईएएस/आईपीएस और पूर्व कुलपतिगण टीबी मरीजों को गोद लें, उन्हें उपचार के बारे में जानकारी दें और समुचित सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के लापता रोगियों को खोजना, टीबी की मृत्यु दर को कम करना एवं स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी के संक्रमण से बचाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसे मिशन मोड में लेते हुए प्रधानमंत्री जी ने भारत के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन की दिशा में पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए प्रयासों की भी जानकारी दी।

प्रदेश में चार गुना बढ़ी टीबी रोगियों की जाँच
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की जाँच पहले के मुकाबले चार गुना हो गयी है। नैट एवं एक्सरे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजनान्तर्गत डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान हो चुका है। इसी तरह, फेफड़े के टीबी रोगियों के साथ रहने वालों को टीबी रोग न हो, उन्हें टीबी से बचाव का उपचार दिया जा रहा है। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जनभागीदारी के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 45 हजार से अधिक निःक्षय मित्रों द्वारा टीबी रोगियों को गोद लिया गया है और प्रदेश की 1372 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।
