उत्तर प्रदेशट्रेंडिंगदेशराजनीतिराज्यस्वास्थ्य

झांसी: मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग से 10 नौनीहालों की मौत, दर्जनों झुलसे

सीएम योगी ने जताया दुख: पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान

मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख व घायलों को 50 हजार की मदद
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश के झांसी लक्ष्मीकबाई मेडिकल कॉलेज में बीती देर रात चिल्ड्रेन वार्ड (निकू) में भीषण आग लगने 10 नवजात शिशुओं की जान चली गई और करीब ढाई दर्जन शिशु झुलसने से घायल हुए हैं। मेडिकल कालेज में हुए इस दर्दनाक हादसे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया, जिनके निर्देश पर डिप्टी सीएम ब्रजेज पाठक और प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन मौके पर पहुंचे। अफरातफरी के माहौल में ज्यादातर बच्चों को बचाकर पीकू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

झांसी डीएम अविनाश कुमार के अनुसार यह दुखद घटना शुक्रवार की रात 10:30 बजे से 10:45 बजे के बीच नीकू वार्ड में आग भड़क गई और नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं और थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया। इस हादसे में 10 मासूमों की जान चली गई, जबकि 30 से ज्यादा बच्चे घायल हैं। मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) (एनआईसीसीयू) वार्ड में शॉर्ट-सर्किट से लगी आग से मेडिकल कॉलेज के बाहर मृत शिशुओं के परिजनों की करुण-क्रंदन सुनाई दे रही थी। मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में दो वार्ड हैं, जिसमें बाहर वाले वार्ड से सभी बच्चों को बच्चों को प्रशासन और सेना की मदद से बचा लिया गया, लेकिन अंदर वाले वार्ड में भर्ती सभी दस नवजात बच्चों की जान चली गई है। सेना के जवानों ने वार्ड की खिड़की व दरवाजों को तोड़ा और अन्दर गये।

फायर ब्रिगेड को हुई मुश्किल
हादसे की खबर पर दमकल की कई गाड़ियां मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गई, लेकिन उन्हें रास्त नहीं मिला और दूसरे रास्ते में वे मौके पर पहुंची, जहां आग पर काबू पाया गया। बताया जा रहा है कि दस मिनट के अंदर इतनी आग फैल गई कि उन बच्चों को नहीं निकाला जा सका। इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। 10 नवजात बच्चों की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा था। आग लगने के बाद बच्चों को बचाने के लिये वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में तैनात स्टाफ ने भी तत्परता दिखाते हुए वार्ड में भर्ती शिशुओं को किसी तरह बाहर निकाला। बताया गया कि बच्चों को बाहर निकालने में स्टाफ भी झुलस गया, जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया।

अधिकारियों ने मौके का किया निरीक्षण
घटना की जानकारी होते ही मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत समेत कई जनप्रतिनिधि भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। आग बुझने के बाद अधिकारियों ने नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के अन्दर जाकर घटना के बारे में निरीक्षण किया। आग लगने से वार्ड धधक रहा था। पानी की बौछार से पूरे वार्ड में पानी ही पानी नजर आ रहा था। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वरुण पाण्डेय ने आग बुझने के बाद अधिकारियों के साथ अंदर जाकर स्थिति का जायजा लिया। मेडिकल कालेज में नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में नवजात बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक मशीन को लगाया गया था। अधिकतर मशीन आग की भेंट चढ़ गई। कुछ मशीन आग की चपेट में आने से बच गई।

योगी सरकार किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात झांसी में मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग की दुखद घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। सीएम योगी के निर्देश पर आलाधिकारियों ने मोर्चा संभाला, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिये 15 से 20 मिनट में ज्यादातर बच्चों को सकुशल और सुरक्षित निकाला गया। सभी बच्चों को पीकू वार्ड में शिफ्ट किया गया, जहां सभी सकुशल हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की मॉनीटरिंग और अधिकारियों से बातचीत करते रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही अधिकारियों को पीड़ितों को हर संभव मदद के निर्देश दिये।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हे सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। योगी सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उनकी हर संभव मदद के लिए योगी सरकार कटिबद्ध है। सीएम योगी के निर्देश पर मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।

कॉलेज प्राचार्य का कथन
झांसी रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में कुल 146 फायर डिस्टिंगशर सिस्टम लगे हुए हैं। हादसे के समय नीकू वार्ड के फायर डिस्टिंगशर का उपयोग भी किया गया था। इन सभी उपकरणों को समय-समय पर ऑडिट भी किया जाता है। इस दौरान कमियों को दूर किया जाता है। फरवरी में इन सभी का ऑडिट किया गया था जबकि जून में मॉक ड्रिल की गयी थी। मेडिकल कॉलेज में फायर डिस्टिंगशर के खराब होने की बात पूरी तरह से निराधार है।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button