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‘गम के बादल आएंगे और जाएंगे,गम भुला कर मुस्कुराना जिंदगी है’

लोककाव्य संध्या के साथ संपन्न हुआ तीन दिवसीय फल्गु लोककला महोत्सव

प्रसिद्ध कवियों ने दर्शकों को सकारात्मक संदेश देकर किया आकर्षित
LP Live, Kaithal: प्रसिद्ध फल्गु तीर्थ पर आयोजित तीन दिवसीय लोक कला महोत्सव का समापन लोककाव्य संध्या के साथ हुआ, जिसमें प्रसिद्ध कवियों ने संस्कृति, देश भक्ति और सामाजिक चेतना जैसे मुद्दों पर काव्यपाठ करके दर्शकों को खूब हंसाया।

हरियाणा में कैथल जिले के गांव फरल स्थित फल्गु तीर्थ पर कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा एवं फल्गु मंदिर सुधार समिति के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय लोक कला महोत्सव के अंतिम दिन आायोजि लोककाव्य संध्या का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में इंद्रप्रस्थ अध्ययन केंद्र दिल्ली अध्यक्ष विनोद शर्मा ‘विवेक’, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड कुरूक्षेत्र मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने फल्गु मंदिर में दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर आयोजक समिति ने अतिथियों और कवियों का स्वागत फूल माला,अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह से किया गया। लोककाव्य कार्यक्रम में काव्य पाठ की शुरुआत प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका वालिया शर्मा ने सरस्वती वंदना से की। जब कि कैथल के हास्य कवि डॉ तेजिंदर जी को हास्य काव्य पाठ से दर्शकों को अपनी और आकर्षित किया। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि विनोद शर्मा ‘विवेक’ ने फल्गु लोककला उत्सव का हरियाणवी संस्कृति से ओतप्रोत आयोजन के लिए कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा सरकार को साधुवाद दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष उपेन्द्र सिंघल ने सुंदर प्रस्तुति के लिए सभी कवियों की प्रस्तुतियों को सराहा। देर रात तक चले कवि सम्मेलन का दर्शकों ने खूब आनंद लिया। लोककाव्य संध्या का संचालन विनीत पांडेय ने किया। कार्यक्रम में इंद्रप्रस्थ अध्ययन केंद्र दिल्ली से प्रोफेसर मुकुल शर्मा, डॉ मोनिका सेठी डॉ मूलचंद भी उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में साहित्य सभा कैथल के कमलेश शर्मा, राजेश शांडिल्य, ईश्वर चंद्र गर्ग, वकील सिंह, होशियार सिंह, हर्ष ,कपिल भी मौजूद रहे।

काव्य पाठ ने मोहा मन
लोककाव्य संध्या के तहत मंच पर सबसे पहले जब कि कैथल के हास्य कवि डॉ तेजिंदर जी को हास्य काव्य पाठ से दर्शकों को अपनी और आकर्षित किया। जबकि सामाजिक विषय पर कवि कृष्ण गोपाल सोलंकी ने अपनी गजल पढ़ते हुए कहा ‘सारे रिश्तों की लाज रखते हैं, दिल में पूरा समाज रखते हैं, जिनको मेहनत से मिलती है शोहरत, नर्म अपना मिज़ाज रखते हैं’ सुनाकर तालियां बटोरी। इसी प्रकार अनामिका वालिया शर्मा ने अपनी कविता में कवियों पर अपने मुक्तक ‘जिंदा है ये जमीर स्वाभिमान जिंदा है, भारत में जन्म लेने का अभिमान जिंदा है, नेताओं के भाषण में मजहबों की बात है कवियों की कविता में हिंदुस्तान जिंदा है’ से दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। वहीं युवा कवि दिनेश शर्मा दिनेश अपनी कविता में वर्तमान हालात की विकट परिस्थितियों में भगवान श्रीकृष्ण से अवतार लेने का अनुरोध करते हुए ‘धर्म स्थापन करने को अब, कदम बढ़ाना होगा, हे गिरधारी कलयुग में फिर, तुमको आना होगा’ से आध्यात्मिक संदेश दिया। प्रसिद्ध टीवी शो ‘लपेटे में नेता जी’ से लोकप्रिय हुए प्रसिद्ध हास्य कवि विनीत पाण्डे ने अपनी कविता से जिंदगी को परिभाषित करते हुए कहा ‘फूल बनकर महक जाना जिंदगी है,गीत सुख के गुनगुनाना जिंदगी है। गम के बादल आएंगे और जाएंगे,गम भुला कर मुस्कुराना जिंदगी है’। जबकि प्रसिद्ध गीतकार चरणजीत चरण ने अपने गीतों और मुक्तकों से दर्शकों देशभक्ति गीतों से प्रभावित किया। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए अपनी रचना में ‘कौन थे कहाँ के थे, थे किस गोद के सपूत, ऐसे कई प्रश्नों का जवाब भी नहीं मिला, कितने जिये थे और कब हो गए शहीद कइयों की उम्र का हिसाब भी नहीं मिला, कोई शिला लेख किसी गुम्बद पे नाम नहीं और कोई वरक़-ऐ-किताब भी नहीं मिला, आओ एक बार उनको भी तो करें नमन, जिन्हें आज तक कोई खिताब भी नहीं मिला’ से अपने अंदाज में दर्शकों खूब वाहवाही लूटी। कवि सम्मेलन में काव्य पाठ करते हुए वरिष्ठ हास्य कवि महेंद्र अजनबी ने अपनी कई हास्य व्यंग्य कविताओं से दर्शकों को खूब हंसाया।
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लोककला संध्या: महाबीर गुड्डू ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

लोक कला महोत्सव के दूसरे दिन लोक कला महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसका शुभारंभ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग दिल्ली के संयुक्त सचिव डॉ जी एस चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि किया। लोककला संध्या की अध्यक्षता हरियाणा कला परिषद् (हिसार मंडल) के अतिरिक्त निदेशक एवं प्रसिद्ध लोक कलाकार महाबीर गुड्डू ने किया। राष्ट्रपति सम्मानित अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार महाबीर गुड्डू ने भक्ति रस और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर उन्हें अपनी कला के प्रति आकर्षित किया। उनकी ‘तू राजा की राजदुलारी’ और ‘राजा नाहर सिंह पर दी प्रस्तुति का दर्शकों ने खूब आनंद लिया और हाथ उठाकर कई बार तालियां बजायी। इससे पहले लोककला संध्या की शुरुआत कैथल के जोगी-जंगम समूह ने राजकुमार के नेतृत्व में गणेश स्तुति, शिव स्तुति और बम लहरी की प्रस्तुति से की। जोगी जंगम समूह के बाद युवा कलाकार नितीश ने ‘देसां म्है देस रै भारत, भारत म्है हरियाणा’ हरियाणवी गीत पर लोकनृत्य प्रस्तुत किया। जबकि पानीपत से आए बीन दल ने हरपाल नाथ के संचालन में बीन कला वादन का बेहतरीन प्रदर्शन किया। हरपाल नाथ और उनके दल की प्रस्तुति से आनंदित होकर दर्शक नाचने लगे। हांसी से आए सारंगी वादकों ने सतबीर के नेतृत्व में अनेक रागनियों की प्रस्तुति दी। जिसमें पं. मांगेराम की रचना ‘भरण गयी थी नीर राम की सूं’ की प्रस्तुति पर दर्शकों तालियां बजाकर खुशी जाहिर की।

 

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