

बैरिकेटिंग तोड़ने की मशीने साथ लेकर चलने को तैयार किसान
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार और किसानों के बीच अब तक चार बार हुई वार्ता बेनतीजा रही है। किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए 21 फरवरी यानी बुधवार को दिल्ली कूच करने का फैसला कर लिया है। एमएसपी पर अध्यादेश पर अड़िग किसान संगठनों ने पंजाब व हरियाणा के शंभू बोर्डर पर धरना दे रहे किसानों दिल्ली के लिए कूच करने के लिए बैरिकेटिंग तोड़ने के लिए जेबीसी की हाईटेक और अन्य मशीने साथ लेकर चलना शुरु कर दिया है।
सरकार के साथ बातचीत कर रहे किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा से लगते पंजाब के शंभू बॉर्डर पर कहा है कि 21 फरवरी की सुबह वे ‘दिल्ली कूच’ के लिए रवाना होंगे। वहीं किसानों ने 22 फरवरी यानी गुरुवार को देश का सबसे बड़ा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा ‘एसकेएम’ अपनी अहम बैठक पंजाब में करेगा। इस बैठक में एसकेएम के साथ जुड़े रहे करीब सौ संगठन हिस्सा लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के महत्वपूर्ण घटक दल रहे जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा का कहना है कि मौजूदा समय में विभिन्न किसान संगठन, अपने-अपने स्तर पर आवाज उठा रहे हैं। उत्तर भारत और खासतौर से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के किसान संगठन, जनरल बॉडी की बैठक में पहुंचेंगे। एसकेएम की बैठक में किसान आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति तय होगी। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को 2021 में जो लिखित आश्वासन दिया था, उस पर काम नहीं किया गया।
वार्ता के साथ आंदोलन की रणनीति
सरकार और किसान संगठनों की बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए। दूसरी ओर कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर हुई हरियाणा के किसान नेताओं, खापों और अन्य संगठनों की बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि केंद्रीय मंत्रियों के साथ पंजाब के किसान संगठनों की वार्ता असफल रही तो हरियाणा के किसान संगठन और खाप पंचायतें आंदोलन में शामिल होंगी। आंदोलन में दिल्ली के किसानों का भी साथ लेंगे। भाकियू (चढ़ूनी) ने ब्रह्मसरोवर पर बुलाई महापंचायत में तय किया कि हरियाणा की ओर से गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा दिल्ली की खापों और किसानों के साथ आंदोलन की रणनीति धनखड़ खाप के प्रधान डॉ. ओमप्रकाश धनखड़ की अगुवाई में चार सदस्यीय कमेटी बनाएगी।

इंटरनेट पाबंदी 24 फरवरी तक बढ़ाई
केंद्र सरकार ने हरियाणा से सटे पंजाब के सात जिलों पटियाला, एसएएस नगर (मोहाली), बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट पर पाबंदी 24 फरवरी तक बढ़ा दी है। इससे पहले 12 से 16 फरवरी तक तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्रियों से चंडीगढ़ में 15 फरवरी को हुई बैठक में इंटरनेट बंद होने का मुद्दा उठाया था। वहीं, हरियाणा ने भी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं।
हाईकोर्ट आंदोलन पर सख्त
पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को कहा कि आप किसानों को क्यों एकत्रित होने दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अगली सुनवाई पर इस विषय को लेकर आयोजित की गई बैठक के परिणाम और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। किसानों के दिल्ली की ओर कूच के मामले में आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। किसान आंदोलन पर हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन में ट्रैक्टर ट्रालियों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। यदि किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना है तो वे अन्य साधनों का उपयोग कर सकते हैं। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें इनपुट मिले हैं कि प्रदर्शनकारियों के बीच कुछ उपद्रवी भी मौजूद हैं जो हथियारों से लैस हैं। यदि इन्हें दिल्ली की ओर जाने दिया गया तो यह दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल कर प्रदेश में व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार को कहा कि आप किसानों को क्यों एकत्रित होने दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अगली सुनवाई पर इस विषय को लेकर आयोजित की गई बैठक के परिणाम और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
