उत्तर प्रदेशदेशराजनीति

दिनेश शर्मा ने ली राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ

राज्यसभा में भी सामने आए संसद में 75 साल के संस्मरण

विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर किये कटाक्ष
LP Live, New Delhi: संसद के विशेष सत्र के पहले दिन राज्यसभा में संसद के 75 साल के इतिहास के संस्मरणों को ताजा किया गया है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के लिए हुए उप चुनाव में निविर्रोध निर्वाचित हुए यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राज्यसभा की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ ली।

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत में भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। भारतीय जनता पार्टी ने तीन सितंबर को राज्य से राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव के लिए दिनेश शर्मा को अपना उम्मीदवार नामित किया। दिनेश शर्मा का कार्यकाल नवंबर 2026 तक रहेगा। दरअसल यूपी से राज्यसभा की यह सीट 26 जून को भाजपा सांसद हरद्वार दुबे के निधन के कारण खाली हुई थी, जिसके लिए उपचुनाव कराया गया, जिसमें दिनेश शर्मा राज्यसभा सांसद के रुप में निर्वाचित होकर संसद के विशेष सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा पहुंचे, जहां सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें राज्यसभा सदस्य और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

कौन हैं दिनेश शर्मा
राज्यसभा पहुंचे दिनेश शर्मा 2017-22 के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी की बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक थे। उनके पास माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग थे। लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर 59 साल के दिनेश शर्मा लंबे समय से बीजेपी के सदस्य हैं। उन्‍हें 2014 में भाजपा का राष्‍ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था और वह 2008 में पहली बार लखनऊ के मेयर निर्वाचित हुए हुए। वहीं 2012 में फिर दोबारा लखनऊ के मेयर बने। र्मा के निमंत्रण पर ही पीएम मोदी अक्टूबर 2016 में लखनऊ की रामलीला में शामिल हुए थे।

संसदीय इतिहास को क्या बोले खरगे
उच्च सदन में विशेष सत्र की शुरु हुई बैठक में सभापति धनखड़ ने विभिन्न सत्रों के दौरान राज्यसभा में हुए व्यवधानों पर प्रतिक्रिया दी और विपक्ष द्वारा सभापति के फैसले का ‘अपमान’ करने पर आपत्ति जताई। जबकि राज्यसभा में प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में मोदी सरकार पिछले 75 साल के संसदीय इतिहास का जिक्र करते हुए मौजूदा भाजपानीत सरकार पर तंज कसे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार विपक्ष को ईडी से डराने और कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आप बदलना चाहते हैं तो अभी स्थिति बदलें। उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू मजबूत विपक्ष में विश्वास करते थे। नेहरू ने यहां तक कहा था कि अगर मजबूत विपक्ष नहीं है, तो व्यवस्था में गंभीर खामी है। खड़गे ने कहाकि अब जब मजबूत विपक्ष है तो वे इसे ईडी और सीबीआई के जरिए कमजोर करना चाहते हैं और फिर इसे ‘साफ’ करने के लिए अपनी वॉशिंग मशीन में डालना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि अब प्रधानमंत्री (संसद में) आते हैं और चले जाते हैं। उन्होंोने कहा कि आज मणिपुर जल रहा है और आज तक लोग मारे जा रहे हैं, हिंसा हो रही है। और जब इतनी सारी बातें हो रही हों तब भी वह शायद ही कोई बयान जारी करते हों। खड़गे ने कहा कि वह देश के कई हिस्सों में जाते हैं, लेकिन वह मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं। इस पर धनखड़ ने कहा कि ‘जब वह आपके निर्वाचन क्षेत्र में गए तो आपको दिक्कत है। इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि अगर वह वहां काम करने जा रहे हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

पीएम के बयानों का जिक्र
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान 21 बार, मनमोहन सिंह ने 30 बार बयान दिये। खड़गे ने कहा, हालांकि कुछ ‘प्रथागत टिप्पणियों’ के अलावा, पीएम मोदी ने केवल दो बार संसद में बयान दिया है। उन्होंने संसदीय इतिहास को याद करते हुए कहा कि 1935 से पहले मतदान का अधिकार सिर्फ उन लोगों को दिया जाता था जो कर देते थे, शिक्षित थे और जिनके पास ज़मीनें थीं। लेकिन जवाहरलाल नेहरू, बी.आर. अंबेडकर और वल्लभभाई पटेल द्वारा संविधान सभा में बनाए गए संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को मताधिकार दिया, चाहे वह गरीब हो या अमीर। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) ब्लॉक को इंडी अलायंस कहने के लिए भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत को आजादी मिली तो कई देशों का मानना था कि यह एक राष्ट्र के रूप में सफल नहीं हो पाएगा और विफल हो जाएगा। कई विदेशी लोगों ने सोचा था कि भारत एक राष्ट्र के रूप में विफल हो जाएगा क्योंकि अधिकांश लोग अशिक्षित हैं।

75 वर्षों में देश का चेहरा बदला
खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए यहां तक कहा कि 70 साल में हमने उन्हें दिखाया कि हम एक राष्ट्र के रूप में कैसे मजबूत और विकसित हुए, हमने लोकतंत्र और संविधान को बचाया, लेकिन फिर भी लोग पूछते हैं हमने क्या किया’? हमने केवल यही किया, हमने लोकतंत्र को बचाया, हमने संविधान को बचाया और देश को आगे बढ़ाया। यही नहीं संसद भवन में पिछले 75 वर्षों में देश का चेहरा बदल गया और जमींदारी प्रथा के उन्मूलन सहित लोगों के लिए कई निर्णय लिए गए। और उन्होंने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि हमें विकास के लिए किस तरह गति के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में नेहरू सभी को साथ लेकर चलते थे और उन्होंने पांच विपक्षी नेताओं को भी अपनी कैबिनेट में शामिल किया था, लेकिन अब की सरकार विपक्ष की परछाई भी नहीं देखना चाहती।

 

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